चुनाव से पहले अवैध काम को रोकने प्रशासन सख्त : राजधानी के सभी छोटे-बड़े गोदामों की जांच शुरू, एटीएम से ज्यादा कैश निकाला तो उस पर भी नजर..

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रायपुर/ चुनाव से पहले किसी भी तरह के अवैध काम को रोकने प्रशासन सख्त हो गया है। चुनाव में बांटने वाली सामग्री छोटे-बड़े गोदामों में जमा न हो इसलिए हर गोदाम की जांच की जाएगी। इसके लिए अलग से टीम बनाई जाएगी।

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बैंक खातों और एटीएम से एक समय में ज्यादा रकम निकालने वालों पर भी नजर रखी जाएगी। बैंक वालों से भी कहा गया है कि वे ऐसे सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी प्रशासन को दें जिसमें एक बार में बड़ी रकम जमा या निकाली गई है। विधानसभा चुनाव के दौरान अवैध पैसा और सामग्रियों के बंटने पर रोक लगाने के लिए सोमवार को कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे ने सभी अफसरों से कहा कि जिले के सभी छोटे-बड़े गोदामों की जानकारी हासिल कर उनकी जांच की जाए।

कहीं भी किसी भी सामान का अवैध भंडारण नहीं होना चाहिए। चुनाव को के दौरान किसी भी इलाके के एटीएम से अचानक ज्यादा रकम निकलती है तो उसकी तुरंत जांच की जाए। मतदान अवधि के दौरान बाहर से आने वाले लोगों की रैंडम जांच की जाए।

एक भी शराब दुकान ऐसी न हो जहां सीसीटीवी कैमरे न हो

जिले की कोई भी शराब दुकान ऐसी नहीं होनी चाहिए जहां सीसीटीवी कैमरे न हो। अवैध शराब का संग्रहण और बिक्री रोकने के लिए सभी दुकानों में अनिवार्य रूप से कैमरे लगाए जाए। आबकारी अधिकारी हर दिन शराब दुकानों में जाकर वहां के स्टॉक का मिलान करेंगे।

तय महीने में पिछले साल कितने शराब की बिक्री हुई इसका मिलान इस साल के महीने के महीने से किया जाएगा। इससे पता चल सकेगा कि किसी दुकान से ज्यादा शराब तो नहीं बेची जा रही है। इसके अलावा हर विभाग में नोडल अफसरों की नियुक्ति कर वहां कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। इससे किसी भी तरह की घटना की जानकारी मिलने पर अफसर तुरंत मौके पर पहुंच सकेंगे।

बैठक में एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी, उप निर्वाचन अधिकारी गजेंद्र ठाकुर, सीआईएसएफ, जीएसटी, रेलवे, पुलिस, आबकारी, एयरपोर्ट प्रबंधन, रेल सुरक्षा आदि विभागों के अफसर मौजूद थे।

प्राइवेट बैंकों पर भी खास निगरानी

चुनाव के दौरान प्राइवेट बैंकों की भी निगरानी की जाएगी। निजी और व्यवसायिक बैंकों का कैश लाने ले जाने वाली गा​ड़ियों की रैंडम जांच की जाएगी। इन गा​ड़ियों से कितना कैश आ-जा रहा है इसका भी पूरा हिसाब रखा जाएगा। बिना ई-वे बिल का कोई भी सामान मिला तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। इसके लिए परिवहन एवं जीएसटी विभाग के अधिकारियों को यात्री बसों की भी जांच करने कहा गया है।

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