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रायपुर/ नवा रायपुर के तूता स्थित धरना स्थल पर प्रदेश के संविदा कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। शनिवार को नारेबाजी करते हुए इन सभी कर्मचारियों ने रायपुर जिला प्रशासन के तहसीलदार को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया। यह प्रदेश के अलग-अलग जिलों में काम करने वाले 45000 संविदा कर्मियों का सामूहिक इस्तीफा था । पिछले दिनों अलग-अलग जिलों में इन कर्मचारियों ने कलेक्टर को अपना इस्तीफा सौंपा था। अब प्रदेश स्तर पर यह इस्तीफा मुख्यमंत्री के नाम रायपुर में सौंप दिया गया है।
इस्तीफे के साथ संविदा कर्मचारियों ने ऐलान कर दिया है कि वह किसी भी तरह की कार्यवाही से डरने वाले नहीं हैं। तब तक हड़ताल खत्म नहीं करेंगे जब तक इन्हें नियमित करने का कोई बड़ा फैसला नहीं आ जाता। छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि हम कोई नई मांग नहीं कर रहे, वही मांग रहे हैं जो कांग्रेस ने खुद देने का वादा किया था। वह है नियमितीकरण।
साढे 4 सालों तक आवेदन, निवेदन हम करते रहे मगर हमारी मांगे नहीं सुनी गई। छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा इलाके में 90 विधायकों को हमने ज्ञापन सौपे, 33 जिले के कलेक्टरों से हमने मिलकर अपनी मांग रखी मगर कोई उचित फैसला ना होने पर हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं और तब तक बैठे रहेंगे जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती।
शनिवार को संविदा कर्मचारियों की हड़ताल का 14वां दिन रहा। कर्मचारियों ने शनिवार को संविदा मुक्त छत्तीसगढ़ का नारा लगाया। अब इस हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर अभियान भी चलाया जाएगा। अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष लक्ष्मण भारती ने कहा कि सरकार एस्मा लगाकर कर्मचारियों को डराने का काम न करे। यही कर्मचारी सरकार को सम्मान दिलाते है उसके बदले एस्मा ये ठीक नहीं है।
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