सफलता की कहानी : मछली व्यवसाय कर सफल उद्यमी बना सन्यासी, मत्स्य विभाग ने अनुदान में दी थी शुरूआती पूंजी..

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रायगढ़// ऊंची सोच और युवा जोश के बलबूते तमनार विकासखण्ड के गांव के सन्यासी सिदार ने उद्यमिता की ऐसी राह पकड़ी है जहां से वह अपने सपनों को हकीकत में बदल रहे हैं।

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सन्यासी सिदार 2015 ने बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर परिवार को आर्थिक संबल देने के लिये खुद का व्यवसाय करने सोची तो मछली पालन का आइडिया दिमाग में आया। गांव में अपने खेतों के पास 80 डिसमिल में तालाब तैयार करवायी और मत्स्य विभाग से संपर्क किया जहां उसे नीलक्रांति योजना के तहत तालाब निर्माण के लिए 1 लाख 26 हजार और मछली के बीज और दाने के लिय 27 हजार सहित कुल 1 लाख 53 हजार रुपये का अनुदान मिला। यह उनके व्यवसाय के लिय शुरूआती पूंजी थी। साथ ही साथ उसे मत्स्याखेट के लिये एक नग महाजाल, मछली विक्रय हेतु आइस बाक्स व मछलियों को बीमारी से बचाने के लिस सिफेेक्स प्रदान किया गया। मिली राशि से सन्यासी ने मेजर शार्प, पंगेशियस के साथ रोहू और कतला जैसी मछली पालन की शुरूआत की। व्यवसाय ने धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ी और आज की स्थिति में सन्यासी औसतन 30 किवंटल मछली निकालकर स्थानीय बाजारों में बेचकर लगभग 3 लाख रुपये सालाना कमा रहे है।

उनसे बात करने पर वह एक प्रोफेशनल की तरह कहते है कि अभी व्यवसाय को बहुत आगे बढ़ाना है इसलिए होने वाले मुनाफे का बड़ा हिस्सा वापस व्यवसाय में लगा देता हूं। मेरा व्यवसाय का आसपास के क्षेत्र में अच्छा प्रचार-प्रसार भी हो चुका है। डिमांड भी बढ़ गयी है और उसके मुताबिक सप्लाई के लिए अपने तालाब के साथ 2 एकड़ का एक अन्य तालाब लीज पर लिया हूं। इसके साथ मुर्गी पालन का व्यवसाय भी शुरू किया है उसमें भी प्रतिमाह लगभग 15 हजार रुपये आय निकल रही है। भविष्य की योजनाओं के संबंध में सन्यासी कहते है कि मछली पालन व मुर्गी पालन के साथ कृषि में भी नवाचार को बढ़ाते हुये नगदी फसल उगाने का सोचा है जिसके लिए बोर खनन करवा चुका हूं आगामी वर्ष में एक पिकअप लेने की योजना भी है।

सन्यासी कहते है कि यदि सच्ची लगन हो तो शासकीय योजनाओं की सहायता से व्यक्ति मेहनत कर जीवन में अच्छी प्रगति कर सकता है। मैने 18 वर्ष की उम्र में शुरूआत की थी आज 23 वर्ष की उम्र में मछली पालन व मुर्गी पालन को सफल व्यवसाय में तब्दील कर चुका हूं। मेरे गांव तथा आसपास के युवा मुझसे अब अपना व्यवसाय चालू करने के लिये सलाह लेते है यह मेरे लिये काफी बड़ी बात है। इसके लिए मैं शासन-प्रशासन का सदैव आभारी रहूंगा।

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