कांग्रेस नेता वेदराम मनहरे सहित 11 कांग्रेसी बीजेपी में शामिल, बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने दिल्ली में दिलाई सदस्यता..

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रायपुर/ कांग्रेस नेता वेदराम मनहरे 10 और कांग्रेस नेताओं के साथ बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने शुक्रवार को उन्हें दिल्ली में पार्टी की सदस्यता दिलाई है। मनहरे तिल्दा जनपद पंचायत के 2 बार अध्यक्ष, 2 बार उपाध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वो सतनामी समाज के संरक्षक भी हैं। बीजेपी में शामिल होने मनहरे गुरुवार को ही दिल्ली रवाना हुए थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में मनहरे रायपुर जिले की आरंग सीट से प्रबल दावेदार थे। हालांकि कांग्रेस ने उनकी जगह शिव डहरिया को टिकट दिया था।

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मनहर के अलावा तिल्दा सरपंच के अध्यक्ष और पसदा के सरपंच मिथलेश साहू, पचरी सरपंच अभिषेक वर्मा, कांग्रेस के संयुक्त महामंत्री रहे पुरनेंद्र नायक, तिल्दा जनपद पंचायत सदस्य अरूण भारद्वाज, रायपुर जिला पंचायत के पूर्व सदस्य राजू ओगरे अनिल सोनवानी, दीपेंद्र वर्मा, सभापति जनपद पंचायत आरंग, किसान संघर्ष समिति नवा रायपुर के अध्यक्ष विकास टंडन, गोविंद साहू, सभापति, जनपद पंचायत आरंग और टीका पटेल भी बीजेपी में शामिल हुए हैं।

वेदराम मनहरे गुरुवार को बीजेपी के दिग्गज नेता नंद कुमार के साथ दिल्ली रवाना हुए थे। हालांकि उस दौरान ये जानकारी सामने आई थी कि मनहरे को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्‌डा पार्टी में शामिल कराएंगे। यह भी बताया गया था कि मनहरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मलुाकात कर प्रदेश की सियासी हलचलों की जानकारी देंगे। वेदराम मनहरे के इस तरह से बीजेपी में शामिल होने को कांग्रेस को बड़ा झटका लगने के रूप में माना जा रहा है। वहीं यह भी माना जा रहा है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर अभी से कमर कस ली है। बस्तर चिंतन बैठक के बाद यह कवायद भी इसी कड़ी से जुड़ी है।

मुझे जो स्थान मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला रहा था-मनहरे

बीजेपी में शामिल होने की बात को लेकर वेदराम मनहरे ने दैनिक भास्कर से कहा था कि जीवन का अर्थ केवल संघर्ष में है- ‘मैंने राजनीति शुरू की तब से कांग्रेस का दामन थामा था। कार्यकर्ता से लेकर बड़े पदों पर भी रहा, लेकिन मेरे अंदर का कार्यकर्ता हमेशा जीवित रहा। पिछले कुछ सालों से पार्टी की विचारधारा मेरे काम करने के तरीकों से मेल नहीं खा रही थी। मुझे कभी पद की लालसा नहीं रही, लेकिन पिछले कुछ समय से एक वरिष्ठ कांग्रेसी होने के नाते मुझे जो स्थान कांग्रेस में मिलना चाहिए था, वो नहीं मिल रहा था। मेरी व्यक्तिगत किसी से कोई नाराजगी नहीं हैं।

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