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बिलासपुर/ भूपेश सरकार द्वारा कोरोना काल के दौरान शराब दुकान खोलने के फैसले के बाद से प्रदेश में राजनीति गरमा गई है। विपक्षी दल भाजपा द्वारा शराब दुकान खोलने को लेकर लागतार विरोध किया जा रहा है। इसी कड़ी में भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष जयश्री चौकसे ने कोरोना काल मे शराब दुकान खोलने के फैसले को लेकर भूपेश सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि क्या प्रदेश में शराबबंदी का वादा केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए था? पवित्र गंगा जल हाथ में लेकर कसम खाने वाले कहां गायब हो गए हैं , लगता है छत्तीसगढ़ को सरकार नहीं शराब सरकार चला रही है।
उन्होंने आगे कहा कि दारूवाले बाबा के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री भूपेश अभी प्रदेश में लाकडाउन पूरी तरह से नहीं हटाया गया है कि आपने इतनी तप्तरता दिखाई की कोरोना की गाइडलाइन की धज्जीया उडा डाली ।पहले की गई गलती से जब प्रदेश कोरोना के संक्रमण से निकल रहा था कमाई के लालच में क्रिकेट मैच करा कर प्रदेश वासियों को कोरोना संक्रमण की दुसरी लहर को ऐसे परोसा कि देश में नं 1 राज्य बना लाशों के ढेर लगा दिया, बिमारी का ऐसा तांडव की मरीजों को ना बेड मिल रहे थे और ना सांस लेने की हवा यानी आक्सीजन के सिलिंडर यहा तक की जान बचाने वाली दवाई। फिर टीकाकरण की बारी आई तो लोगों को वैक्सीन के बारे में अफवाह फैलाया जब 18+ की बारी आई तो ईलाज में भी आरक्षण कर देश का पहला राज्य बना दिया और लोगो को भी बता दिए कि कांग्रेस का इतिहास रहा है बीमारी को परोसना ना कि ईलाज करना ।
जयश्री चौकसे ने आगे कहा देशी शराब दुकाने खोलकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार कोरोना की तीसरे प्रकोप को निमंत्रण दे रही है ।राज्य सरकार के मंत्री महोदय तर्क देते हैं कि शराब दुकान खोलना गरीबों के हित में है।मगर सच्चाई यह है कि लंबे समय तक बंद रखने से सरकार का खजाना खाली रहेगा। शराब की बिक्री राजस्व के लिए तो हो सकती है, लेकिन गरीबों के हित में नहीं है यदि इसमे गरीबों का हित होता तो महात्मा गांधी जी भी इसकी बिक्री और सेवन का विरोध नहीं करते। वर्तमान परिस्थिति में खजाना भरने से ज्यादा महत्वपूर्ण संयम और अनुशासन है ।पूरानी गलतियों से सबक लेते हुए प्रदेश की जनता को कोविड के बढते हुए प्रकोप से सुरक्षित रखना है।