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अम्बिकापुर// सरगुजा संभाग में 48 घंटे के भीतर एक गर्भस्थ सावक समेत चार हाथियों के मौत से वन अमले में हड़कंप सा मच गया है। वन अमला एवं वाइल्डलाइफ की टीम यह नहीं समझ पा रही है कि हाथियों की मौत क्यों और किस कारणों से हो रही है। पहली मौत के संबंध में पशु चिकित्सकों ने बताया था कि हथनी की मौत प्रसव पीड़ा की वजह से हुई थी। साथ ही मृत हथनी के अमाशय में संक्रमण पाया गया था। जबकि 24 घंटे बाद ही उसी स्थान पर दूसरी हथिनी का शव मिला। रायपुर से विशेषज्ञों व डॉक्टरों की टीम जांच व पीएम करने पहुंची थी लेकिन हाथियों द्वारा शव को घेर लिए जाने से उसका पीएम नहीं हो सका।

इधर अभी दूसरे हाथी के मौत का खुलासा नहीं हो सका था तभी बलरामपुर जिले के राजपुर वन परीक्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर व अतौरी सर्किल के दरबारी महुआ वनक्षेत्र में एक और हथिनी का शव मिला है।
48 घंटे के भीतर 4 हथियों का शव मिलने से शासन-प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। लोगों के बीच यह चर्चा है कि हथनियों की मौत किसी बीमारी से हो रही है या इसके पीछे किसी का हाथ है।
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