स्व-सहायता समूह की महिलाओ ने जैविक खाद का निर्माण कर प्राप्त किया 2 लाख 50 हजार रूपये का अतिरिक्त आय, गौठान बना अतिरिक्त आय का जरिया

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मुंगेली/ ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा,गरूवा,घुरूवा,बारी के तहत जिले मे निर्मित गौठान आय का जरिया बन गया है. निर्मित गौठानो मे स्व-सहायता समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट और नाफेड टंकी जैसी अनेक माध्यमो से जैविक खाद का निर्माण कर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही है. इनमे मुंगेली जिले की ऐसी स्व-सहायता समूह की महिलाएं भी है, जो गौठान मे वर्मी कम्पोस्ट और नाफेड टंकी के माध्यम से जैविक खाद का निर्माण कर विगत एक वर्ष मे 2 लाख 50 हजार रूपये का अतिरिक्त आय हासिल किया है. जो दूसरो के लिए अनुकरणीय है


कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि राज्य शासन की मंशा के अनुरूप स्व-सहायता समूह की महिलाओ को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए निर्मित गौठानो मे रोजगार दिया जा रहा है. स्व-सहायता समूह की महिलाओ द्वारा घर की कामकाज निपटाकर निर्मित गौठानो मे वर्मी कम्पोस्ट और नाफेड टंकी के माध्यम से जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है. इन महिलाओ द्वारा विगत एक वर्ष में 690 क्विंटल जैविक खाद का निर्माण किया गया और उन्होने 450 क्विंटल जैविक खाद की बिक्री कर 2 लाख 50 हजार रूपये का अतिरिक्त आय प्राप्त किया. इन स्व-सहायता समूह की महिलाओ द्वारा जैविक खाद की बिक्री उद्यान विभाग और वन विभाग को किया गया है. इन विभागो द्वारा जैविक खाद का उपयोग वहां स्थापित नर्सरियो मे किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि जैविक खाद का उपयोग आज की परिवेश मे स्वास्थ्य वर्धक साबित हो रहा है.

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