रायगढ़ : व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र तैयार करने समय-सीमा निर्धारित…

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रायगढ़// अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2007 यथा संशोधित नियम 2012 के क्रियान्वयन हेतु व्यक्तिगत वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत पात्रता अनुसार वन अधिकार पट्टे वितरित करने हेतु समय-सीमा तैयार की गई है। कलेक्टर भीम सिंह ने व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र को समय-सीमा में पूर्ण करने के लिये संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है।

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व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र तैयार करने हेतु बनायी गई कार्ययोजना

प्रत्येक ग्राम स्तर पर ग्राम सभा के माध्यम से प्रचार-प्रसार करना एवं आवेदन पत्रों का संग्रहण बसाहट एवं ग्राम स्तर पर 21 सितम्बर से 21 अक्टूबर 2020 तक की अवधि निर्धारित है। इसी तरह ग्राम स्तर पर प्राप्त आवेदनों पत्रों का परीक्षण एवं पूर्व में निरस्त किये गये प्रकरणों पर पुनर्विचार बसाहट एवं ग्राम स्तर पर 01 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2020, ग्राम सभा स्तर पर पात्र आवेदकों की दावित/मांग भूमि का स्थल परीक्षण (पूर्व में निरस्त प्रकरणों में से पुनर्विचार में पाये गये पात्र प्रकरण सहित) बसाहट एवं ग्राम स्तर पर 20 अक्टूबर से 21 नवम्बर 2020, ग्राम सभा स्तर पर प्राप्त आवेदन पत्रों में से पात्र आवेदकों के प्रकरणों का ग्राम स्तर पर अनुमोदन एवं खंड स्तर पर प्रस्ताव जमा करना बसाहट एवं ग्राम स्तर पर 10 नवम्बर से 01 दिसम्बर 2020, ग्राम स्तर पर पारित प्रस्ताव के अनुसार खंड स्तर पर प्रस्तावों का परीक्षण एवं अनुमोदन खंड स्तरीय समिति 2 दिसम्बर से 15 दिसम्बर 2020, खंड स्तर के अनुमोदित प्रस्ताव का समस्त दस्तावेजों के साथ जिला स्तरीय समिति को प्रस्ताव जमा करना खंड स्तरीय समिति 11 दिसम्बर से 19 दिसम्बर 2020, जिला स्तर पर जिला स्तरीय समिति द्वारा खंड स्तरीय समिति से प्राप्त प्रस्ताव/ प्रकरणों का परीक्षण जिला स्तरीय समिति 21 दिसम्बर से 18 जनवरी 2021, जिला स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन एवं प्रस्ताव का अनुमोदन जिला स्तरीय समिति 21 जनवरी 2021 की अवधि निर्धारित की गई है।

वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन अंतर्गत वन अधिकारों को मान्यता देने के लिये साक्ष्य के रूप में सम्मिलित होना अनिवार्य है। व्यक्तिगत वन अधिकार हेतु आवेदन प्रारूप ‘कÓ में करें। अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी हेतु 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व का कब्जा प्रमाण-पत्र (वन अधिकार अधिनियम की धारा 13 में उल्लेख अनुसार कोई दो), अन्य परंपरागत वन निवासी हेतु 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व 3 पीढिय़ों (75 वर्ष)का निवास प्रमाण-पत्र (संबंधित गांव के बुजुर्गो का कथन मान्य होगा), नक्शा, खसरा, बी-1, चौहद्दी पटवारी प्रतिवेदन के साथ, स्थल परीक्षण का प्रमाण-पत्र एवं पंचनामा, ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति का प्रस्ताव (प्रपत्र 7 व प्रपत्र 9) एवं उपखंड स्तरीय वन अधिकार समिति का अनुमोदन इत्यादि दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा।

कलेक्टर भीम सिंह द्वारा जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं सभी जनपद सीईओ को यह कार्य विशेष प्राथमिकता से उपरोक्त निर्देशों के अनुसार समय-सीमा में कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिये निर्देशित किया गया है। इन कार्यों को पूर्ण करने के लिये वन विभाग, पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा अन्य विभागों के विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर के अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवायें ली जा सकेगी।

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