रायगढ़ : अधिकारियों द्वारा डॉक्टर से तीन लाख की वसूली के मामले में सारंगढ़ एक बार फिर सुर्खियों में… पहले वीडियो हुआ था वायरल फिर बातचीत का कथित ऑडियो और अब रुपए लौटाने की बात..?? जानिए इस हाई प्रोफाइल मामले की अब तक की स्टोरी..

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रायगढ़//जिले के सारंगढ़ में 7 मई को हुई एक बीएएमएस डॉक्टर के क्लीनिक पर प्रशासनिक रेड ने पूरे जिले में भूचाल मचा दिया। इस मामले में कोई कार्यवाही तो नहीं हुई मगर डॉक्टर को डरा धमका कर ₹3 लाख की वसूली करने का आरोप बड़े अधिकारियों पर लगा था। खुद डॉक्टर ने तहसीलदार बीएमओ और सब इंस्पेक्टर की शिकायत की थी। मामले पर तत्काल कार्रवाई करते हुए रायगढ़ पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में एक सब इंस्पेक्टर को लाइन अटैच कर दिया था। वही तहसीलदार बीएमओ मामले के 15 दिन बाद भी कोई खास कार्यवाही तो नहीं हुई है। मगर एक जांच रिपोर्ट बनकर तैयार हो गई है। यह भी जानकारी है कि इस जांच रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार पर कार्यवाही के लिए कमिश्नर को प्रेषित किया गया है और बीएमओ पर कार्यवाही के लिए स्वास्थ्य संचनालय को अनुशंसा के लिए भेजा गया है।

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कथित ऑडियो वायरल…

इस मामले को लेकर सारंगढ़ क्षेत्र में एक कथित ऑडियो की चर्चा जोरों पर है। जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि यह ऑडियो पीड़ित डॉक्टर और बीएमओ के बीच की कथित बातचीत है। जिसमें बीएमओ द्वारा पीड़ित डॉक्टर को ₹3 लाख भूल जाने की बात कही जा रही है। बीएमओ द्वारा डॉक्टर को सलाह दी जा रही है की क्लीनिक चलती रहे तो पैसे फिर कमा लेंगे। वही डॉक्टर सस्ते में गरीबों का इलाज करने और इतनी बड़ी रकम की भरपाई से दुखी नजर आ रहा है। हालांकि इस बातचीत में यह भी स्पष्ट हुआ कि डॉक्टर के पास ऐसे कोई भी कागजात नहीं थे जो उसके रजिस्ट्रेशन की पुष्टि करें। मगर इस मामले में कार्रवाई ना होना कहीं ना कहीं कुछ गलत होने का इशारा रहा तो कर रहा है।

पहले वीडियो हुआ था वायरल…

इस मामले में डॉक्टर ने सीसीटीवी फुटेज का हवाला देते हुए बताया कि यह तीनों उसके क्लीनिक में आए थे और पैसे की डिमांड की थी। पैसे लेने के बाद उन्होंने एक सीसीटीवी फुटेज को डिलीट करा दिया था। मगर दो सीसीटीवी फुटेज उसके पास है।

माहौल के बाद पैसे किए वापस..?

माहौल काफी हाईप्रोफाइल हो चुका था। ऐसे में सारंगढ़ क्षेत्र में यह चर्चा भी जोरों पर है कि अधिकारियों ने दबाव में आकर पीड़ित को उसके पैसे लौटा दिए हैं और मामले को रफा-दफा करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। वही सारंगढ़ क्षेत्र के एक कपड़ा व्यापारी मुकेश वस्त्रालय ने भी तहसीलदार सुनील अग्रवाल सीएमओ संजय सिंह और SI केके पटेल एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। जिसमें दुकान के पीछे से सामान बेचने को लेकर ₹80,000 की वसूली की गई है। पैसे मिलने के बाद मात्र ₹1000 का चालान काटा गया जबकि नियमानुसार दुकान को सील किया जाना था। यह मामला भी सारंगढ़ क्षेत्र में जोरों पर है। हालांकि अधिकारी इस मामले में भी पूरी तरह से मुकर रहे हैं।

क्या था मामला…

शिकायत में डॉक्टर ने बताया है कि क्लीनिक को फर्जी बता और जेल भेजने की धमकी दी गई। डॉ. वारे ने आरोप लगाया कि तहसीलदार ने सीसीटीवी फुटेज डिलीट करा दिए। 7 मई को लॉकडाउन की मॉनिटरिंग करते हुए तहसीलदार सुनील अग्रवाल, थाना सारंगढ़ के एसआई केके पटेल और बीएमओ डा आर.एल. सिदार हिर्री की वारे क्लीनिक में गए थे।

अफसरों ने क्लीनिक को अवैध बताकर डॉक्टर की जेल भेजने की धमकी दे दी। कहा, अवैध नर्सिंग होम चला रहे हो। आरोप के मुताबिक तहसीलदार सुनील अग्रवाल ने डॉक्टर से पांच लाख रुपए मांगे और मामले को रफा-दफा करने की पेशकश की। एसआई कमल पटेल ने मामले को तीन लाख रुपए में सेटल करने की बात कह 20 मिनट के भीतर रुपए की व्यवस्था करने की बात कही।

जेल जाने के नाम से घबराए डॉक्टर ने रिश्तेदारों से व्यवस्था कर तीन लाख रुपए दे दिए। क्लीनिक का पंचनामा बना रहे बीएमओ ने रुपए मिलने के बाद पंचनामा नहीं बनाया। तहसीलदार सुनील अग्रवाल ने देखा कि सीसीटीवी लगी हुई है कहीं आरोप न लग जाए, इसलिए उन्होंने खड़े होकर फुटेज डिलीट करा दिए। डॉक्टर ने इस पूरे मामले की शिकायत सारंगढ़ एसडीओपी शिकायत की। उल्लेखनीय है कि एसआई कमल पटेल पर कुछ दिनों पूर्व भी एक ग्रामीण ने घर से उठाकर थाने ले जाने, सट्‌टा खिलाने का झूठा आरोप लगाकर पिटाई करने के आरोप लगाए थे।

देखें डॉक्टर का वीडियो…

वर्तमान में इस हाई प्रोफाइल मामले को लेकर चर्चाओ का बाजार गर्म है वही अलग अलग ऑडियो और वीडियो वायरल होने से मामला और भी दिलचस्प बनता जा रहा है।

ज्ञात हो कि इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करते हुए रायगढ़ पुलिस अधीक्षक ने सब इंस्पेक्टर को लाइन अटैच कर दिया था। वही तहसीलदार और बीएमओ मामले के 15 दिन बाद भी कोई खास कार्यवाही तो नहीं हुई है मगर एक जांच रिपोर्ट बनकर तैयार हो गई है। यह भी जानकारी है कि इस जांच रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार पर कार्यवाही के लिए कमिश्नर को प्रेषित किया गया है और बीएमओ पर कार्यवाही के लिए स्वास्थ्य संचनालय को अनुशंसा के लिए भेजा गया है। ऐसे में जांच कमेटी के रिपोर्ट के आने का इंतज़ार सभी को है। इसके बाद ही सच्चाई क्या है सबके सामने उजागर हो पाएगा।

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