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रायगढ़/ घर से चौदह सौ किलोमीटर दूर काम करते हुए जब कोरोना शब्द पहली बार सुना तो ज्यादा कुछ समझ नही आया. फिर लॉक डाउन हुआ और सब कुछ बंद होने लगा. ये देखकर थोड़ी घबराहट हुई, क्योंकि ये सब इसके पहले कभी जीवन में कभी नही देखा था. जहाँ काम कर रहे थे वहीं रहकर दिन गुजारने लगे. शुरुआत में तो जिंदगी चलाने लायक सामान इकठ्ठा करने की आपा धापी में निकल गए पर जैसे-जैसे दिन गुजरते गए. मन व्याकुल होने लगा, यही खयाल आता था कि कभी अपने घर वापस पहुंच पाएंगे कि नही. जहां काम करते थे उसके मालिक ने जानकारी वहां के जिला प्रशासन को दे रखी थी. फिर एक दिन खबर आयी कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के पहल से ट्रेन की व्यवस्था हुई है. जिससे घर वापस जा सकते हैं. तय समय पर स्टेशन पहुंचे, ट्रेन में सवार हुए और वापस अपने घर पहुंच गए यह सब किसी सपने के सच होने जैसा है.
ये बातें है रायगढ़ जिले के सारंगढ़ तहसील के कौवाताल निवासी दिलीप टंडन की जो सपत्नीक गुजरात के गांधीनगर जिले के वारसड में काम करने गए थे और लॉक डाउन के चलते वहीं फंस के रह गए थे. वे आज मुख्यमंत्री की पहल पर अहमदाबाद से चली विशेष ट्रेन से बिलासपुर पहुंचे. यहां रायगढ़ जिले की टीम ने उन्हें रिसीव किया और उनकी स्वास्थ्य जांच करवायी. जिसके बाद दिलीप को उनके परिवार के साथ उनके गृह ग्राम कौवाताल में बने क्वारेन्टीन सेंटर में रुकवाया. जहां 14 दिन बिताने के बाद उन्हें अपने घर जाने को मिलेगा. अपने गाँव पहुंचने की खुशी से नम हुई आंखों के साथ उन्हें छोडऩे गयी टीम के द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताते हुए कहा कि प्रदेश के मुखिया ने दूर रह रहे अपने इस परिवार का खयाल रखा और सलामती के साथ वापस हम अपने घर पहुंच गए हैं.
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