बड़ी खबर : फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी कर रहे 15 शिक्षको को किया गया बर्खास्त, FIR के आदेश, देखें सूची..

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रायगढ़// फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए शिक्षक की नौकरी कर रहे 15 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है और सभी के खिलाफ FIR भी दर्ज करने के आदेश दिये गये हैं।

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सारंगढ़ SDM चंद्रकांत वर्मा की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत CEO रिचा प्रकाश चौधरी ने बर्खास्तगी और FIR के आदेश जारी किये हैं। ये सभी प्राथमिक शिक्षक फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार नौकरी कर रहे थे।

ये है पूरा मामला..

कलेक्टर जनदर्शन के दौरान साल 2017 में मुरलीधर चौहान नामक व्यक्ति ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार नौकरी कर रहे शिक्षाकर्मियों की शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर तत्कालीन कलेक्टर ने जांच के आदेश दिये थे। हालांकि ये मामला करीब 3 साल तक अटका रहा। कलेक्टर की तरफ से सारंगढ़ एसडीएम को उसी वक्त आदेश दिया गया था लेकिन उस वक्त के SDM इसे टालते रहे।

2019 में सारंगढ़ SDM बनने के बाद IAS चंद्रकांत वर्मा ने इस फाइल को फिर से खोला त्वरित जांच शुरू की। हालांकि कलेक्टर जनदर्शन में कुल 27 शिक्षकों की शिकायत की गयी थी, जिनमें से 15 शिक्षाकर्मियों के खिलाफ ये शिकायत सही पायी गयी।

जांच में इस बात का खुलासा हुआ, कि कई शिक्षकों ने संवरा जाति को अनुसूचित जनजाति बताकर प्रमाण पत्र हासिल कर लिया है, जबकि जिस दौरान इन शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, उस दौरान संवरा जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा नहीं था। उसी तरह से कई शिक्षकों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र जमा कराया था, जो जांच में बिल्कुल गलत मिली।

2005 से 2013 के बीच इन शिक्षकों ने नियुक्ति के दौरान 6 माह के लिए वैध रहने वाले प्रोविजनल सर्टिफिकेट को जमा कराया था। जिसके आधार पर इन शिक्षकों की बरमकेला और सारंगढ़ में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुई थी। नियम के मुताबिक सभी को छह माह के दौरान स्थायी जाति प्रमाण पत्र जमा कराना था, लेकिन इन सभी ने कोई सर्टिफिकेट जमा नहीं किया।

देखें आदेश की कॉपी..

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