पाली क्षेत्र के जंगलों में स्थान बदल-बदलकर सज रहा बावनपरी का बड़ा फड़, रोजाना लग रहे लाखों के दांव में जिले के अलावा सीमावर्ती जिले के भी पहुँच रहे जुआरी

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कोरबा(पाली)// इन दिनों पाली के आसपास स्थित जंगलों में प्रतिदिन स्थान बदल-बदलकर जुए का एक बड़ा फड़ सज रहा है। जिसमे जिले के अलावा सीमावर्ती जिले के भी जुआरी दांव लगाने पहुँच रहे है। जहाँ व्यसन के सारे सामाग्री उपलब्ध होने के साथ-साथ लाखों का जुआ सजने की जानकारी मिली है।

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सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पाली के आसपास जंगलों जिसमे बुड़बुड़, ढुकुपथरा, सैला, दमियां, मुनगाडीह, करतली, लाफा, बक्साही जंगल के अलावा बक्साही बांस प्लांटेशन स्थल के भीतर आदि ऐसे घने जंगल हैं जहाँ जुआरी लाखों के फड़ सजा रहे है। यह जुए का फड़ प्रतिदिन संचालित होता है लेकिन रोजाना स्थान बदल दिए जाते है। जिस जंगल में उक्त बावनपरी का फड़ सजता है वहाँ बकायदा शराब, सिगरेट, गुटखा-पाउच इत्यादि व्यसन के लगभग सभी सामाग्री जुआरियों के लिए उपलब्ध होती है।

बता दे इस खेल में पाली ही नही वरन दीपका, कोरबा, चाँपा, रतनपुर, कोटा, बिलासपुर के भी जुआरी दांव लगाने पहुँचते है। इस धंधे में जहाँ खिलाने वाला प्रतिदिन हजारों रुपए की कथित रूप से कमाई कर लेता है। वहीं चंद घँटे में बिना मेहनत पैसा कमाने के चक्कर में कई जुआरी अपना घर-बार तक गिरवी रख चुके हैं अथवा बेंच चुके है। इस प्रकार पाली क्षेत्र के जंगलों में बेरोकटोक चल रहे बावनपरी का खेल धीरे-धीरे अपना पाँव पसारते जा रहा है। ज्यादातर मामलों में देखा जाए तो ऐसे दो नंबरी धंधे की खबर पुलिस तक मुखबिर तंत्र या फिर ग्राम कोटवार के माध्यम से पहुँचती है, लेकिन क्या कारण है कि पाली क्षेत्र के जंगलों में धड़ल्ले से संचालित होने वाले लाखों के फड़ संचालन की सूचना पुलिस को नही मिल पाई है। जबकि स्थानीय पुलिस द्वारा बीते दिनों मुखबीर की सूचना पर ही नुनेरा के जंगल में सजे बावनपरी के फड़ पर दबिश देते हुए छापामार कार्यवाही के तहत अनेक जुआरियों को पकड़ा गया था, लेकिन वर्तमान में सज रहे जुए के फड़ संचालन को तो लगभग माह भर होने जा रहा है।

ऐसे में कहीं पुलिस का सूचना तंत्र कमजोर तो नही पड़ गया या मामला कुछ और ही है…? दूसरी ओर वर्तमान संचालित इस खेल के कथित संचालनकर्ता के तार स्थानीय पुलिस से जुड़े होने की बात आम ग्रामीणजनों के दबी जुबान से सुनने को मिल रही है।

बहरहाल मामला जो भी हो लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा ऐसे धंधे पर कड़ाई से रोक लगाने के दिए गए थाना-चौकियों प्रभारियों को निर्देश के विपरीत पाली क्षेत्र में जुआ का कारोबार दिन दूनी और रात चौगुनी प्रगति कर रहा है, जहाँ इस समाज विरोधी धंधे से किसी का बसा बसाया घर उजड़ रहा है तो किसी के घर में इसको लेकर रोजाना कलह की स्थिति निर्मित रहती है। जो कार्य जन विरोधी होते है, समाज विरोधी होते है। उन पर अंकुश लगाना अतिआवश्यक है। नही तो ऐसे कार्यों को संरक्षण मिलने पर लिप्त कारोबारियों का हौसला आखिर बुलंद क्यों नही होगा।

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