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रायपुर/ राजधानी से सटे फ़रहदा में 14 अप्रैल को कोरोना पीड़ित 27 साल के युवक की मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक उसे वेंटिलेटर नहीं मिला, न अस्पताल, परिजन वेंटिलेटर वाला अस्पताल खोजते रहे, अंतत: उसकी मौत हो गई। दुखद यह भी कि 24 अप्रैल को उसकी शादी होनी थी। व्यवस्था से हार चुके ग्रामीणों ने विरोध में शुक्रवार को किसी घर में चूल्हा नहीं जलाया और इस एक दिन के बचत अनाज को विरोध स्वरूप सरकार को देंगे।
गांव के दुर्गा प्रसाद यादव की 24 अप्रैल को शादी थी, जिससे उसके परिवार में खुशी का माहौल था, लेकिन महामारी उसका पीछा कर रही थी, ये न तो उसे पता था, न परिजन को। अब उसके घर में शहनाई बजने की जगह मातम पसरा है। अब 24 तारीख को ही उसका 10वां होगा।
गांव के सरपंच शांता शत्रुहन साहू ने बताया कि गांव के एक युवक की तबियत 12 अप्रैल को खराब हुई और उसका कोविड टेस्ट कराया गया जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. वहीं उसे ईलाज के लिए रायपुर ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने कहा कि उसका ऑक्सीजन लेवल कम है और उसे वेंटिलेटर की जरूरत है पर रायपुर में किसी भी सरकारी अस्पताल में जगह ना हो पाने के कारण उसका इलाज नहीं हो पाया. हमने कोविड हेल्पलाईन नंबर पर भी फोन किया. उन्होंने लालपुर ले जाने को कहा लेकिन वहां भी वेंटिलेटर नहीं था. वहीं हमने जिला चिकित्सा अधिकारी मीरा बघेल को भी फोन किया था लेकिन उन्होंने फोन भी नहीं उठाया. मुझे यह बताते हुए बहुत गुस्सा आ रहा है कि मैं उसे बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाया इसलिए आज हम सब ने मिलकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के रूप में आज गांव के किसी भी घर पर चूल्हा नहीं जलाया.
शादी घर में पसरा मातम
जिस युवक की कोरोना से मौत हुई उसकी 24 अप्रैल को शादी थी. वहीं उसके परिवार के सभी लोग बहुत खुश थे. उन्हें क्या पता था कि यह महामारी उनकी खुशियों पर ग्रहण बन कर टूटेगी और अब सहनाई की जगह उस घर पर मातम छाया हुआ है. वहीं उसी दिन बारवे का कार्यक्रम होगा, जिससे वर और वधु पक्ष में मातम छा गया है.