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रायपुर/ आज (17 मई) विश्व हाइपरटेंशन दिवस है। युवा वर्ग ज्यादा देर तक मोबाइल और कंप्यूटर की स्क्रीन देखने से, स्मोकिंग, तंबाकू के सेवन, अनियमित दिनचर्या और जंक फूड से कम उम्र में ही हाइपरटेंशन की चपेट में आ रहा है। इससे कम उम्र में हार्ट अटैक आने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
आज की भागदौड़ भरी लाइफ में देश की 130 करोड़ की आबादी में कम से कम 25 करोड़ लोग हाइपरटेंशन से जूझ रहे हैं। यानी हर चौथा मरीज इस बीमारी से ग्रस्त है। छत्तीसगढ़ में भी हाइपरटेंशन के मरीजों का रेशियो लगभग यही है। बेवजह की टेंशन, अनियमित दिनचर्या, स्क्रीन टाइमिंग, जंक फूड, स्मोकिंग और तंबाकू की लत इस बीमारी की प्रमुख वजह है।
हर चौथा व्यक्ति हाइपरटेंशन का शिकार
अंबेडकर अस्पताल के एडवांस कॉर्डियक इंस्टीट्यूट के प्रमुख डॉ स्मित श्रीवास्तव ने बताया, कि WHO के मुताबिक हर चौथा शख्स हाइपरटेंशन का शिकार है। इसके कई कारण होते हैं, जिनसे दूर रहें तो इस बीमारी से भी बच सकते हैं। हाइपरटेंशन की वजह से हार्ट अटैक के केस भी बढ़ रहे हैं।
डॉ श्रीवास्तव कहते हैं कि कम उम्र में बढ़ रहे हाइपरटेंशन और हार्ट अटैक की मामलों को देखते हुए शासन और समाज के पॉलिसी मेकर्स को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। ताकि योजनाओं या अभियानों के जरिए ऐसी बीमारियों के रेशियो को कम किया जा सके।
कोविड के बाद से बढ़ा तनाव
डॉक्टर्स के अनुसार कोविड के बाद से लोगों में तनाव ज्यादा देखने को मिल रहा है। लोगों की लाइफ स्टाइल भी काफी बदल गई है। फिजिकल एक्टिविटी कम हुई है। अब लोग डिजिटल ज्यादा हो गए हैं। ज्यादातर समय कंप्यूटर और मोबाइल में जाता है। इसके अलावा जंक फूड भी इसकी बड़ी वजह है।
अगर आपका खानपान अच्छा नहीं होगा तो आप धीरे-धीरे हाइपरटेंशन के मरीज हो जाएंगे। इसमें मरीज को सिर्फ सिर में कभी-कभी दर्द होता है। इसलिए इस बीमारी को लोग जल्दी पकड़ नहीं पाते हैं।
कोविड के बाद 20 प्रतिशत मरीज बढ़ गए
कोविड के बाद ओपीडी में अचानक से 20 फीसदी मरीज बढ़ गए थे। वर्तमान समय में फिर से यह स्थिति सामान्य हो गई है। ओपीडी में रोजाना कम से कम 50 मरीज हाइपरटेंशन के आ रहे है, जिसमें से 5 प्रतिशत युवा हैं। हर साल हाइपरटेंशन के मरीज 10 प्रतिशत बढ़ रहे हैं।
किडनी, दिल, आंख और ब्रेन में भी पड़ता है असर
अगर आप हाइपरटेंशन के मरीज हैं तो इसका असर आपकी आंखों की रेटिना, किडनी, दिल और ब्रेन पर बहुत जल्दी पड़ने लगता है। करीब 30 प्रतिशत मरीजों को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
डॉक्टर्स के मुताबिक यह बीमारी पहले किसी शख्स में 40 साल की उम्र के बाद देखने को मिलती थी, लेकिन वर्तमान समय में यह बीमारी 30 साल से शुरू हो गई है। इस मर्ज को जड़ से भी खत्म किया जा सकता है। अगर इसका सही समय पर पता चल जाए।
एक तरह का साइलेंट किलर है हाइपरटेंशन
डॉ श्रीवास्तव के मुताबिक हाइपरटेंशन एक तरह का साइलेंट किलर होता है। इसमें किसी तरह के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। मरीज में जब बीमारी ज्यादा बढ़ जाती है, तो कभी कभी सिर में दर्द, जी मचलाना, चक्कर आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
हाइपरटेंशन से कैसे बचें…
- अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव, जैसे हेल्दी डाइट लेना, तंबाकू-सिगरेट छोड़ना, ज्यादा एक्टिव रहना आपके ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है।
- कुछ लोगों को ऐसी दवाओं की जरूरत हो सकती है, जो हाई BP को प्रभावी ढंग से कंट्रोल कर सकें और इसे बढ़ने से रोक सकें।
- ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रहें, एक्सरसाइज करें या मेडिटेशन करें। इससे आपका बीपी कंट्रोल में रहेगा। साथ ही आप फिट महसूस करेंगे।
- कैफीन ब्लड प्रेशर बढ़ाता है, ऐसे में आपको चाय-कॉफी का सेवन कम कर देना चाहिए।
- स्मोकिंग और अत्यधिक शराब पीने से भी हाइपर टेंशन होता है। इसलिए इन हैबिट्स से आपको दूरी बना लेनी चाहिए।
ऐसा करने से न केवल आप अपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर पाएंगे। साथ ही आप इससे जुड़ी बीमारियों से भी छुटकारा पाएंगे।
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