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गरियाबंद// चावल उत्सव के नाम पर शुरू की गई सरकारी राहत योजना गरियाबंद जिले में लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। चावल पाने के लिए लोगों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि भगदड़ मच गई। महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे एक-दूसरे पर गिरते-पड़ते नजर आए। सोशल मीडिया पर वायरल इस घटना का वीडियो देखकर किसी का भी दिल दहल जाए।
राशन के लिए जमा हुई भीड़ सुबह से ही उचित मूल्य की दुकानों के सामने कतार में खड़ी थी। तीन महीने का राशन एक साथ मिलने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोग लाइन में लग गए। लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी जब दुकान का गेट नहीं खुला, तो गुस्साई भीड़ ने दरवाजा तोड़ने की कोशिश की। इसी दौरान भगदड़ मच गई और कई लोग जमीन पर गिर पड़े।
तकनीकी खामी बनी सबसे बड़ी परेशानी
स्थानीय लोगों के मुताबिक, ये समस्या नई नहीं है। हर दिन लोग सुबह-सुबह दुकान के सामने लाइन लगाते हैं, लेकिन फिंगरप्रिंट न मिलना, OTP न आना, या सर्वर बार-बार डाउन हो जाना आम बात हो गई है। नतीजतन, पूरे दिन इंतजार करने के बाद भी लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ता है।
सरकारी योजना बनी सिरदर्द
राज्य सरकार ने बरसात प्रभावित जिलों में राहत देने के लिए ‘चावल उत्सव’ योजना के तहत एक साथ तीन महीने का राशन देने का फैसला किया था। लेकिन प्रशासन की लापरवाही और तकनीकी असफलताओं ने इस योजना को राहत से ज्यादा संकट बना दिया है।
हर दिन का संघर्ष
राशन दुकानों पर हर दिन हंगामे की स्थिति बनी रहती है। लोग घंटों कतार में खड़े रहते हैं, लेकिन राशन कुछ ही लोगों को मिल पाता है। इससे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कई बार विरोध और विवाद की स्थिति भी पैदा हो चुकी है।
अब सवाल ये है कि जब पहले से सिस्टम फेल था, तो तीन महीने का राशन एक साथ देने का फैसला क्यों लिया गया? क्या सरकार और प्रशासन को जमीनी हकीकत का अंदाजा नहीं था?
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