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बस्तर// छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण नीति को लेकर बवाल मचा हुआ है। शिक्षक संगठनों के साथ अब सामाजिक संगठन और जनजातीय समुदाय भी खुलकर मैदान में उतर आए हैं। बस्तर में सर्व आदिवासी समाज की अगुवाई में ST, SC और OBC समाज ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आरोप है कि सरकार शिक्षा व्यवस्था को जानबूझकर कमजोर कर रही है ताकि आदिवासी, मूलनिवासी और गरीब बच्चे आगे न बढ़ सकें।
2008 की व्यवस्था लागू करने की मांग
बुधवार को बस्तर के कृषि मंडी प्रांगण में सर्व आदिवासी समाज ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और सरकार को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि 2008 की व्यवस्था को फिर से लागू किया जाए, जिसमें 1 स्कूल पर 4 शिक्षकों की व्यवस्था थी। अब युक्तियुक्तकरण के तहत कई शिक्षकों को हटा दिया गया है, जिससे खासकर अंदरूनी इलाकों की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है।
गांव के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी
सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बताया कि गांव के प्राथमिक स्कूलों में 1-1 शिक्षक ही रह गए हैं, और वो भी सरकारी कामों में व्यस्त रहते हैं। “जब शिक्षक ही नहीं होंगे तो बच्चों का भविष्य कैसे बनेगा?” – ठाकुर ने सवाल उठाया। उन्होंने यह भी मांग रखी कि मातृभाषा आधारित शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा दिया जाए और गोंडी, हल्बी, भतरी जैसी भाषाओं के लिए अलग शिक्षक नियुक्त किए जाएं।
पोटाकेबिन में सैकड़ों बच्चे, शिक्षक नदारद
प्रकाश ठाकुर ने यह भी बताया कि पोटाकेबिन स्कूलों में 500 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन शिक्षकों की संख्या नाममात्र है। वहां अनुदेशकों से काम चलाया जा रहा है। उनका आरोप है कि सरकार की मंशा ही नहीं है कि आदिवासी बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें।
15 दिन की चेतावनी, नहीं मानी सरकार तो सड़कों पर उतरेंगे
आदिवासी समाज ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। अगर तय समय में शिक्षा व्यवस्था में बदलाव नहीं होता तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।
OBC समाज की चेतावनी – सड़कों पर उतरकर लड़ाई लड़ेंगे
OBC समाज के संभागीय अध्यक्ष दिनेश यदु ने कहा, “जब तक समाज एकजुट नहीं होगा, तब तक कोई हल नहीं निकलेगा। अगर सरकार ने हमारी बात नहीं मानी, तो हम मजबूरन सड़कों पर उतरकर अपनी लड़ाई लड़ेंगे।”
“सरकार शिक्षा नहीं, शराब को बढ़ावा दे रही है” – लखेश्वर कश्यप
आदिवासी नेता लखेश्वर कश्यप ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “सरकार स्कूल बंद कर रही है और शराब दुकानें खोल रही है। इससे साफ है कि वो नहीं चाहती कि शिक्षितों का प्रतिशत 37% से बढ़कर 40% हो।” उनका कहना है कि शिक्षक ही असली गुरु होते हैं, और शिक्षा से ही डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक बनते हैं – लेकिन सरकार शिक्षा को कमजोर करके आने वाले भविष्य को अंधेरे में धकेल रही है।
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