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सारंगढ़-बिलाईगढ़// पंचायत चुनाव में गांव का विकास सोचकर सरपंच चुना था, लेकिन लेंध्रा गांव की जनता अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। यहां सरपंच और उसके बेटे की दबंगई इस कदर बढ़ गई है कि ग्रामीणों को गांव से जबरन हटाया जा रहा है। मामला तब गरमा गया जब परेशान ग्रामीणों ने कलेक्टर की गाड़ी को रास्ते में रोक लिया और अपनी फरियाद सुनाई।
JCB से उजाड़ा गांव, पेड़ों की कटाई और तालाब को पाटा
घटना सारंगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 7-8 किलोमीटर दूर स्थित छोटे लेंध्रा गांव की है। यहां सरपंच के बेटे बेदव्यास साहू और उपसरपंच देवसिंह गोंड समेत उनके सहयोगियों ने ग्रामीणों पर खुलेआम जुल्म ढाए। बिना किसी सरकारी आदेश या पंचायत प्रस्ताव के JCB मशीन से शौचालयों को तोड़ दिया गया, तालाब पाट दिए गए और करीब 200 से 300 पेड़ उखाड़ दिए गए।
विरोध करने पर मिली धमकी
ग्रामीणों के मुताबिक, जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्हें धमकाया गया और कहा गया कि पूरा मोहल्ला खाली कराया जाएगा, किसी को नहीं रहने दिया जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है, जबकि गांव में कई अन्य जगहों पर भी बेजा कब्जे हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ उन्हीं लोगों पर हो रही है जो वर्षों से शांति से रह रहे हैं।
न मुनादी, न प्रस्ताव, फिर भी जबरन कार्रवाई
ग्रामीणों का कहना है कि इस कार्रवाई के लिए न तो पंचायत में कोई प्रस्ताव पारित हुआ और न ही कोटवार द्वारा मुनादी करवाई गई। न कलेक्टर और न एसडीएम का कोई आदेश था, फिर भी पंचायत प्रतिनिधियों ने तानाशाही दिखाते हुए लोगों को बेघर करना शुरू कर दिया।

कलेक्टर की गाड़ी रोक कर जताया विरोध
जब ग्रामीणों का सब्र टूट गया तो वे सैकड़ों की संख्या में कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए। उसी दौरान जब कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे का काफिला रास्ते से गुजर रहा था, तो आक्रोशित ग्रामीणों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और नारा लगाते हुए कहा – ऐसा सरपंच नहीं चाहिए। ग्रामीणों ने पूरी घटना की शिकायत की और न्याय की गुहार लगाई।
जांच के आदेश, कार्रवाई का भरोसा
मामले की गंभीरता को समझते हुए कलेक्टर ने तत्काल एसडीएम को जांच के निर्देश दिए और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।
नामजद शिकायत में दर्ज हैं कई दबंग
ग्रामीणों की शिकायत में सरपंच अम्बिका देवी साहू के साथ उनके पुत्र बेदव्यास साहू, उपसरपंच देवसिंह गोंड और उसके पुत्र टिकेश्वर (मोटू सिदार), कोमल साहू, दिलीप साहू, गणेशराम साहू (पिता मेडू साहू), गणेशराम साहू (पिता तीजराम साहू), गोपाल निषाद, नेहरू साहू, नवल साहू, दुरपति साहू, भरत साहू, राजू साहू, मंगल जाटवर, रतिराम निराला और लेख कुमार भारद्वाज के नाम शामिल हैं।
अब सभी की निगाहें प्रशासन पर टिकी हैं कि इस दबंगई पर क्या कार्रवाई होती है और गांव में फिर से शांति बहाल होती है या नहीं।
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