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सूरजपुर// सरगुजा संभाग से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने अफसरशाही और भू-माफिया की मिलीभगत को उजागर कर दिया है। सूरजपुर जिले के भैयाथान में पदस्थ तहसीलदार संजय राठौर को एक जिंदा महिला को मृत बताकर उसकी जमीन हड़पने की कोशिश करना भारी पड़ गया। शासन ने उसे तत्काल सस्पेंड कर दिया है।

क्या है मामला?
ग्राम कोयलारी की रहने वाली शैल कुमारी दुबे ने तहसीलदार संजय राठौर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि राठौर ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए सरकारी रिकॉर्ड में उन्हें मृत घोषित कर दिया और उनकी निजी जमीन (खसरा नंबर 45/3, रकबा 0.405 हेक्टेयर) सौतेले बेटे वीरेंद्रनाथ दुबे के नाम करवा दी।
जांच में हुआ खुलासा
9 जून को अपर कलेक्टर सूरजपुर और तहसीलदार लटोरी की संयुक्त टीम ने जांच रिपोर्ट पेश की, जिसमें ये बातें सामने आईं:
- शैल कुमारी दुबे जीवित हैं।
- तहसीलदार ने जानबूझकर उन्हें मृत दिखाया।
- भूमि के नामांतरण में पूरी साजिश रची गई और सत्ता का दुरुपयोग हुआ।
सीधा सस्पेंशन, अब होगी कानूनी कार्रवाई?
आयुक्त सरगुजा संभाग ने इस हरकत को “घोर लापरवाही और स्वेच्छाचारी रवैया” बताते हुए तत्काल सस्पेंशन के आदेश दिए हैं। राठौर का मुख्यालय अब बलरामपुर-रामानुजगंज कलेक्टर कार्यालय रहेगा, जहां वह केवल जीवन निर्वाह भत्ता पा सकेगा।
लेकिन सवाल सिर्फ सस्पेंशन तक सीमित नहीं है…
प्रशासन से कड़े सवाल
- क्या तहसीलों में नामांतरण माफिया सक्रिय हैं?
- ऐसे मामलों में सिर्फ निलंबन ही क्यों, आपराधिक मुकदमा कब?
- क्या ये सिर्फ एक केस है या ऐसा सिस्टम में बार-बार होता है?
जनता की मांगें
- आरोपी तहसीलदार पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का केस दर्ज हो।
- पीड़िता को जमीन वापस दी जाए और न्याय मिले।
- हर तहसील में नामांतरण प्रक्रिया की निगरानी हो और जवाबदेही तय की जाए।
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