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खैरागढ़// छत्तीसगढ़ में पार्सल बम साज़िश का खुलासा किया है। एक स्पीकर के भीतर छिपाकर रखे गए 2 किलो आईईडी मामले में पुलिस ने अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामला खैरागढ़ जिले के पुलिस ने गंडई क्षेत्र का है। जांच में हत्या की साजिश और अवैध विस्फोटक आपूर्ति नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। सात आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, साथ ही 60 जिलेटिन रॉड और 2 डिटोनेटर भी जब्त किए गए हैं।
खैरागढ़ पुलिस ने गंडई में एक संदिग्ध पार्सल से 2 किलो विस्फोटक बरामद कर बड़ी वारदात को टाल दिया। यह पार्सल एक गिफ्ट पैक की तरह तैयार किया गया था और उसके भीतर एक स्पीकर में आईईडी छिपाया गया था। पार्सल पर नकली इंडिया पोस्ट का लोगो और फर्जी पता लगाया गया था, जिससे पुलिस को शुरुआत में मामला सामान्य प्रतीत हुआ।
तकनीकी जांच में स्पष्ट हुआ कि विस्फोटक को इस प्रकार तैयार किया गया था कि वह तब तक सक्रिय नहीं होता जब तक उसे बिजली के स्रोत से नहीं जोड़ा जाए। जैसे ही स्पीकर को प्लग-इन किया जाता, करंट डिटोनेटर तक पहुंचकर विस्फोट कर देता। इसमें जिलेटिन स्टिक मुख्य विस्फोटक के रूप में प्रयोग की गई थी, जिसे स्पीकर की वायरिंग से जोड़ा गया था। स्पीकर का बाहरी ढांचा विस्फोट के बाद घातक छर्रों में बदलने वाला था।
हत्या की साजिश और विस्फोटक नेटवर्क का पर्दाफाश
पुलिस जांच में सामने आया कि यह साजिश अफसार खान नामक व्यक्ति की हत्या करने के उद्देश्य से रची गई थी। इसके साथ ही दुर्ग जिले की एक पत्थर खदान से अवैध रूप से लाए गए विस्फोटकों की आपूर्ति श्रृंखला का भी इस्तेमाल किया गया।मुख्य आरोपी विनय वर्मा ने ऑनलाइन ट्यूटोरियल देखकर यह आईईडी तैयार किया था। आरोपियों के बीच भूमिकाओं का बंटवारा किया गया था:
- परमेंश्वर वर्मा – विस्फोटक खरीद के लिए नकद ₹6,000 मुहैया कराया।
- विनय वर्मा – आईईडी तैयार कर पार्सल डिलीवर किया।
- गोपाल वर्मा – डिलीवरी में सहयोग किया।
- खिलेश वर्मा – फर्जी इंडिया पोस्ट का लोगो और पता तैयार किया।
- घासीराम वर्मा – आपूर्तिकर्ताओं से जिलेटिन लाने का काम किया।
- गोपाल सतनामी और दिलीप धिमर – अवैध विस्फोटक की आपूर्ति करते थे।
- दिलीप धिमर – अन्य सहयोगी
छापेमारी में 60 जिलेटिन रॉड और 2 डिटोनेटर जब्त किए गए, जिससे अवैध विस्फोटक नेटवर्क का सीधा संबंध उजागर हुआ।
पुलिस की बड़ी सफलता
पुलिस ने इस मामले में कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें आईईडी बनाने वाला, सहयोगी, वित्तीय मदद करने वाला, सप्लायर और फर्जी लोगो बनाने वाला शामिल हैं। एफआईआर क्रमांक 277/2025 थाना गंडई में दर्ज की गई है।यह कार्रवाई न केवल एक नियोजित हत्या को रोकने में सफल रही, बल्कि क्षेत्र में फैले अवैध विस्फोटक आपूर्ति नेटवर्क का भी भंडाफोड़ कर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में अहम कदम साबित हुई है।