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मुंगेली// मुंगेली जिले के लोरमी थाना क्षेत्र अंतर्गत 7 वर्षीय बच्ची लाली की रहस्यमयी गुमशुदगी और हत्या का पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। अंधविश्वास, तंत्र-मंत्र और झरन पूजा के नाम पर इस मासूम की बलि दी गई। चौंकाने वाली बात यह है कि इस घिनौने अपराध में लाली के रिश्तेदार ही शामिल थे।
गुमशुदगी से हत्या तक का पूरा घटनाक्रम
11 अप्रैल की रात लाली अपने घर में मां के साथ सोई थी। आधी रात करीब 2 बजे मां की नींद खुली तो बच्ची गायब थी। पुलिस में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज हुई। केस को गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर रेंज के आईजी डॉ. संजीव शुक्ला और मुंगेली एसपी भोजराम पटेल ने जांच टीम गठित की।

श्मशान के पास मिली खोपड़ी और अस्थियां
6 मई को गांव के पास एक खेत में मानव खोपड़ी और अस्थियां मिलीं। डीएनए जांच में पुष्टि हुई कि यह अवशेष लाली के ही थे। बालिका की मौत के कारणों की मेडिकल रिपोर्ट में हिंसक हमले के प्रमाण भी मिले।
जादू-टोना के फेर में गई जान
कोसाबाड़ी और आसपास के क्षेत्र अचानकमार टाइगर रिजर्व के निकट है, जहां तंत्र-मंत्र, झाड़-फूंक और झरन पूजा जैसी कुप्रथाएं फैली हैं। आरोपियों ने माना कि “झरन पूजा” के जरिए धन प्राप्त करने की मंशा से मासूम की बलि दी गई।
परिवार के अंदर ही चल रहा था षड्यंत्र
लाली के चचेरे भाई चिम्मन और उसकी पत्नी रितु का बच्ची के घर आना-जाना था। रितु अत्यंत महत्वाकांक्षी थी और कई संस्थाओं से लोन ले रखे थे। आर्थिक तंगी और अंधविश्वास के चलते उसने अपने पति चिम्मन, गांव के आकाश, नरेन्द्र और बैगा रामरतन के साथ मिलकर योजना बनाई।
नार्को टेस्ट और कबूलनामे से खुली साजिश की परतें
जांच में रितु और पुष्पा का नार्को टेस्ट कराया गया। रितु ने झरन पूजा के लिए लाली को काले कपड़े पहनाए और पूजा की सामग्री जुटाई। नरेन्द्र ने लाली को घर से उठाया और आकाश के साथ मिलकर शव को खेत में दफना दिया।
गिरफ्तार आरोपी
- चिम्मन गिरी (40), चचेरा भाई
- रितु गोस्वामी (36), चिम्मन की पत्नी
- नरेन्द्र मार्को (21), ग्रामीण सहयोगी
- आकाश मरावी (21), व्यवसायिक सहायक
- रामरतन निषाद (45), बैगा-झाड़फूंक करने वाला
सभी आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। रितु ने अपने गांव की महिला के नाम पर लोन लेकर पैसे हड़प लिए थे। इस पर भी अलग से धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
जांच में अहम भूमिका निभाने वालों में शामिल रहे –
- एसपी भोजराम पटेल
- एएसपी नवनीत कौर छाबड़ा
- डीएसपी नवनीत पाटिल
- लोरमी थाना प्रभारी अखिलेश वैष्णव
- साइबर सेल की विशेष टीम
- राजस्व विभाग और कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की टीम
इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अंधविश्वास, गरीबी और लालच जब एक साथ मिलते हैं, तो इंसान कैसे हैवान बन जाता है। यह केस न केवल न्यायिक सजा का उदाहरण बनेगा बल्कि समाज को भी सोचने पर मजबूर करेगा।
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