सारंगढ़ में काउंसलिंग की बदली तारीख; अतिशेष शिक्षकों के अलावा बाकी का प्रवेश वर्जित, वहीं रायपुर और कोंडागांव में काउंसलिंग रद्द..

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रायपुर// युक्तियुक्तकरण की काउंसिलिंग की तिथि में बदलाव किया गया है। पहले काउंसिलिंग 2 और 3 जून को होने वाली थी, लेकिन अब उसे बढ़ाकर 3 और 4 जून कर दिया गया है। सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले से इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिया गया है। सभी बीईओ को जारी आदेश में काउंसिलिंग के संदर्भ में दिशा निर्देश जारी कर दिया गाय है।

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आदेश में कहा है गया है कि युक्तियुक्तकरण अंतर्गत सभी पदों के अतिशेष शिक्षकों का समायोजन शिक्षक विहीन व एकल शिक्षकीय व अधिक दर्ज वाले आवश्यकता के अनुरूप स्कूलों में विभिन्न चरण व वरिष्ठता क्रम के आधार पर ओपन काउंसिलिंग के जरिये से किया जायेगा।

3 जून को प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला, प्रदान पाठक प्राथमिक शाला, शिक्षक, सहायक शिक्षक व लिपिक-भृत्य की काउंसिलिंग होगी। ई और टी संवर्ग के लिए अलग-अलग काउंसिलिंग का वक्त होगा। वहीं 4 जून को सिर्फ सहायक शिक्षक ई और टी संवर्ग का होगा। काउंसिलिंग के लिए परिचय पत्र के दौर पर आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड लाना होगा। देरी से अगर कोई शिक्षक आते हैं, तो उन्हें काउंसिलिंग के बाद बचे हुए स्कूलों में चयन का मौका दिया जायेगा। वहीं अनुपस्थित शिक्षकों का पदांकन शेष बचे स्कूलों में जायेगा। साफ निर्देश दिया गया है कि काउंसिलिंग परिसर में अतिशेष शिक्षकों के अलावे अन्य किसी व्यक्ति व कर्मचारी का प्रवेश वर्जित रहेगा।

रायपुर और कोंडागांव जिले में काउंसलिंग स्थगित

कोंडागांव में आज से शुरू होने वाली काउंसलिंग को प्रशासन ने अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। इससे पहले राजधानी रायपुर में भी 2 जून से 5 जून तक होने वाली काउंसलिंग को रद्द करने का आदेश देर रात जारी कर दिया गया था।

शिक्षक संगठनों का प्रदेशव्यापी विरोध
शिक्षक साझा मंच के प्रांतीय संचालक केदार जैन के नेतृत्व में कोंडागांव में लंबे समय से काउंसलिंग का विरोध चल रहा था। कल एक प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा विधायक एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी से मुलाकात कर अपनी आपत्तियों को सामने रखा था। जिसमें उन्होंने बताया कि:

  • युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में कई नियमों का पालन नहीं किया जा रहा
  • छात्रों की संख्या, स्कूल की दूरी, व अतिशेष शिक्षक निर्धारण में गंभीर गड़बड़ियां सामने आ रही हैं
  • ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षक विहीन या एकल शिक्षक वाली स्थिति बन रही है
  • शिक्षा की गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ रहा है

लता उसेंडी ने शिक्षकों की बात को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि वे इस विषय पर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करेंगी।

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