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मुंगेली// प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवंटित मजदूरी राशि में गंभीर लापरवाही और गड़बड़ी सामने आने के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। ग्राम पंचायत लालपुरथाना और सूखाताल के रोजगार सहायक जयप्रकाश बघेल को पद से हटा दिया गया है।
जांच में सामने आया कि बघेल ने आवास निर्माण कार्य में लगे हितग्राहियों को मनरेगा के तहत 90 मानव दिवस की मजदूरी का भुगतान नहीं किया, बल्कि यह राशि अपने परिवार और अन्य फर्जी नामों से मस्टररोल भरकर गबन कर ली।
जनदर्शन में हुई शिकायत, फिर खुली परतें
यह मामला कलेक्टर जनदर्शन और सुशासन तिहार के दौरान उजागर हुआ था। शिकायत मिली थी कि कुछ हितग्राहियों को उनके मकान निर्माण के बदले मिलने वाली मजदूरी नहीं मिली है। जांच का जिम्मा जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पांडे को सौंपा गया।
जांच में साफ हुआ कि ग्राम पंचायत सूखाताल में मनरेगा मजदूरी की रकम का फर्जीवाड़ा हुआ। रोजगार सहायक हितग्राहियों को पैसे देने की बजाय अपने परिवार और जान-पहचान वालों के नाम से मस्टररोल भरता रहा, और सरकारी पैसे की हेराफेरी करता रहा।
न जवाब, न सफाई – सीधा एक्शन
जब उनसे सफाई मांगी गई, तो बघेल कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। नियमानुसार न तो मजदूरी का भुगतान किया गया, न ही कोई वैध प्रक्रिया अपनाई गई। इस पूरे मामले को मनरेगा अधिनियम के तहत वित्तीय अनियमितता माना गया।
पद से हटाया गया, आगे होगी सख्त कार्रवाई
इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम के तहत जयप्रकाश बघेल को पद से तत्काल प्रभाव से पृथक कर दिया गया है। प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि शासन की योजनाओं में गड़बड़ी किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रशासन की चेतावनी: पारदर्शिता जरूरी
जिला प्रशासन ने दो टूक कहा है कि पात्र हितग्राहियों को समय पर लाभ देना और पारदर्शिता बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। किसी भी प्रकार की लापरवाही पर अब सीधी कार्रवाई होगी।
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