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धमतरी// शिक्षक भर्ती घोटाले में बड़ी कार्रवाई हुई है। 16 साल पुराने केस में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में आरोपियों की लंबे समय से तलाश चल रही थी। पूरा मामला छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का है, जहां आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ था।
16 साल पुराने घोटाले में कार्रवाई
धमतरी जिले के मगरलोड में 2007 में हुए चर्चित शिक्षाकर्मी फर्जी भर्ती घोटाले में आखिरकार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। मगरलोड पुलिस ने तत्कालीन चयन समिति से जुड़े तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जिला एवं सत्र न्यायालय धमतरी में पेश किया। जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें तत्कालीन विकास खंड शिक्षा अधिकारी, जनपद उपाध्यक्ष कोमल यदु और शिक्षाकर्मी इशू साहू व सीताराम साहू शामिल हैं।
यह मामला 2011 में सामने आया था जब आरटीआई कार्यकर्ता कृष्णकुमार ने फर्जी भर्ती का खुलासा किया था। जांच में आरोप सही पाए जाने पर उसी वर्ष मगरलोड थाने में मामला दर्ज किया गया था। लंबे समय से मामले की जांच चल रही थी और आखिरकार 16 साल बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश किया गया।
कैसे हुआ था घोटाला
मगरलोड क्षेत्र में 2007 में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की भर्ती के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गई थीं। उस समय स्वीकृत 150 पदों के विरुद्ध 172 पदों पर भर्ती कर ली गई थी। जांच में यह भी सामने आया कि 140 पदों पर फर्जी और कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति दी गई थी। आरोप है कि तत्कालीन चयन समिति के सदस्यों ने अपने परिवारजनों और रिश्तेदारों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी। इससे न केवल योग्य उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन हुआ बल्कि सरकारी तंत्र में भी गंभीर अनियमितता उजागर हुई।
पूर्व में भी हुई थी कार्रवाई
इस मामले में 2017 और 2018 में भी चयन समिति के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस बार की कार्रवाई में तीन और आरोपियों को पकड़कर न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने सभी आरोपियों को 15 दिन की रिमांड पर भेज दिया है।स्थानीय लोगों और पीड़ित अभ्यर्थियों में इस कार्रवाई के बाद न्याय की उम्मीद जगी है।