सुरेश सिंह बैस को हिंदी दिवस पर राष्ट्रीय हिंदी साहित्य कला शिरोमणि सम्मान

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बिलासपुर : न्यायधानी के ख्याति प्राप्त लेखक साहित्यकार सुरेश सिंह बैस को 14 सितम्बर विश्व हिंदी दिवस पर सम्मानित किया गया है। इस अवसर पर इन्हें शाल एवं प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह स्पंदन स्मारिका पुस्तक जिसमें इनकी रचना शामिल है,भेंट किया गया। छत्तीसगढ़ कायस्थ समाज व लोक संचेतना फाउंडेशन अयोध्या द्वारा हिंदी दिवस के संदर्भ में आयोजित देवकीनंदन दीक्षित सभागार में आयोजित एक समारोह में सुरेश सिंह बैस शाश्वत को राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य कला शिरोमणि सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रदेश के पूर्व हिंदी राजभाषा आयोग के अध्यक्ष एवं थावे यूनिवर्सिटी बिहार के कुलपति विनय मोहन पाठक और वरिष्ठ साहित्यकार विजय सिन्हा व प्रवीण झा समाजसेवी व उद्योगपति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

ज्ञात हो सुरेश सिंह बैस की कई आलेख कविताएं देश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती है।साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दर्जनों प्रतिष्ठित सम्मान भी मिल चुके हैं। सम्मान ग्रहण करते हुए सुरेश सिंह बैस ने कहा – मेरे विचारों और आलेख/ कविताओं का मूल्यांकन वरिष्ठ विद्वानों द्वारा होना गौरव का विषय है। अपनी शुभकामनाएं देते हुए अतिथियों ने कहा कि श्री बैस बहु आयामिक व्यक्तिव की लेखक और कवि हैं।

इनके लेखन में एक सहजता सरलता, वह राष्ट्रीयता से ओतप्रोत विचार पाई गई है ,इनकी कविताओं में समाज को रूपांतरण करने की क्षमता है। इनकी पांच साझा काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। एवं जीवन के विभिन्न पहलुओं के रोचक अविस्मरणीय घटनाओं से सजी पुस्तक “बोलती परछाइयां” शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रही है।राष्ट्रीय हिंदी साहित्य कला सम्मान से सम्मानित होने पर कमलेश लवहात्रे,मुरली राव, प्रभात गुप्ता, अमृत पॉपुला, भूपेंद्र श्रीवास्तव,चंद्रभान गुप्ता, ने शुभकामनाएं दी है।

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