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रायपुर// छत्तीसगढ़ में दो दशक बाद मतदाता सूची में SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की शुरुआत हो गई है। इससे पहले ही सियासी बयानबाजी भी तेज है, आखिर कितने दिनों तक होगी SiR की प्रक्रिया? किनके नाम जुड़ेंगे/काटेंगे? ऑफिस पहुंच के कौन से दस्तावेज देने होंगे या नहीं.. पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
छत्तीसगढ़ समेत देश के 12 राज्यों में SIR की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत 3 नवंबर तक SIR संबंधी फॉर्म और डॉक्यूमेंट की प्रिंटिंग होगी। तो वहीं 3 नवम्बर तक किसी एक दिन सभी विधानसभाओं के बीएलओ को ट्रेनिंग दी जाएगी।
इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक BLO न्यूमेशन फॉर्म लेकर एक-एक घर तक जाएंगे। एक महीने के दौरान BLO एक-एक घर में तीन-तीन बार जाएंगे। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद 9 दिसंबर से लेकर 9 जनवरी तक इस प्रकाशित मतदाता सूची पर दावा आपत्ति मंगाई जाएगी। 9 दिसंबर से 31 जनवरी तक दावा आपत्ति की सुनवाई होगी और 7 फरवरी 2026 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हो जाएगा।
वर्तमान में दो करोड़ 12 लाख 30 हजार मतदाता
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में दो करोड़ 12 लाख 30 हजार मतदाता हैं। 24 हजार 371 मतदान केंद्र हैं, तो वहीं 38 हजार 338 राजनीतिक पार्टियों के एजेंट और राज्य के 33 जिलों में 467 ARO और AERO है। SIR की प्रक्रिया पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार ने बताया पिछले SIR में 2003 में 1 करोड़ 32 लाख के लगभग मतदाता थे। SIR से पूर्व हमनें तैयारी कर ली थी, जिसके अनुसार 71% मतदाताओं के नाम वर्ष 2003 और 2025 की मतदाता सूची से मिलान हो चुका है। यह सब मिलान मैन्युअल थे। BLO जब घर घर जाएंगे तो 25% और वृद्धि होगी।
13 प्रकार के डॉक्यूमेंट दे सकते हैं लोग
उन्होंने कहा कि किसी मतदाता को परेशान होने की जरूरत नहीं है। हर व्यक्ति को न्यूमेशन फॉर्म भरना अनिवार्य है। 2003 की मतदाता सूची में नाम नहीं होगा तो 13 प्रकार के डॉक्यूमेंट दे सकते हैं, उनका नाम जोड़ दिया जाएगा। यशवंत कुमार ने बताया कि आज कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमडल के साथ बैठक किए हैं। सभी ने SIR की प्रक्रिया पर सहमति जताई है।
एसआईआर प्रक्रिया एक अच्छा कदम : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है एसआईआर प्रक्रिया एक अच्छा कदम है और हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं। संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने कहा मतदाता सूची का SIR होना जरूरी है। फर्जी मतदाता को रोकने में बड़ी मद मिलेगी। उन्होंने कहा भूपेश बघेल बता पाएंगे कितने बांग्लादेशी/पाकिस्तानी है। कांग्रेस सरकार में फर्जी नाम जुड़वाया गया था। कांग्रेस कोशिश करती है ऐसे लोगों को बचा सके।
बिहार में कितने बांग्लादेशी चिन्हित किए गए : भूपेश बघेल
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में SIR की घोषणा हो गई लेकिन चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि बिहार में कितने बांग्लादेशी चिन्हित किए गए और उनमें से कितने की सूची भारत सरकार को दी गई है। इनमें कितने लोग बाहर हुए हैं क्योंकि SIR से विदेशी नागरिक भगाने की बात कही गई थी।
पूर्व संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा है निर्वाचन आयोग ने बिहार में SIR सर्वे से 65 लाख वोटरों के नाम काटे। BJP के इशारों पर चुनाव आयोग काम कर रहा है, आने वाले दिनों में दूसरे राज्यों में भी BJP के इशारों में नाम काटे जाएंगे।
SIR के माध्यम से योग्य मतदाताओं को अधिकार
दरअसल निर्वाचन आयोग देश में SIR के माध्यम से योग्य मतदाताओं को उनकी मत अधिकार का प्रयोग देना चाहती है। काफी समय से देखने को मिल रहा था की मृत लोगों के नाम पर भी वोट डाल दिए जाते थे। एक व्यक्ति का नाम कई जगहों पर देखने को मिलता था। कई बार दूसरे देश के लोगों के पास भी फर्जी मतदाता पत्र देखने को मिलते हैं, ऐसे ही तमाम समस्याओं का निजात है यह SIR। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया पर मतदाता भी अपने मताधिकार बरकरार रखने के लिए न्यूनेशन फॉर्म भरेंगे।


