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रायगढ़// घरघोड़ा पुलिस ने रायकेरा गांव में हुए दोहरे हत्याकांड का खुलासा महज 24 घंटे में कर दिया है। पुलिस ने मृतक के बेटे समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जांच में खुलासा हुआ कि हत्या का कारण एनटीपीसी मुआवजा राशि के बंटवारे को लेकर चल रहा पुराना पारिवारिक विवाद था।
थाना घरघोड़ा प्रभारी निरीक्षक कुमार गौरव के नेतृत्व में पुलिस ने इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने में बड़ी सफलता हासिल की।
जानकारी के मुताबिक, 3 अक्टूबर को ग्राम रायकेरा के कोटवार सकिर्तन राठिया ने सूचना दी थी कि गांव के घुराउ राम सिदार (55) और उनकी सास सुकमेत उर्फ सुखमेत सिदार (70) का शव उनके घर की परछी में पड़ा है। दोनों की गला घोंटकर हत्या की गई थी। सूचना मिलते ही एसडीओपी धरमजयगढ़, घरघोड़ा पुलिस और एफएसएल टीम मौके पर पहुंची। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी पुष्टि हुई कि दोनों की मौत गला दबाने और मारपीट के कारण हुई।
पुलिस ने उसी दिन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का अपराध (क्रमांक 265/2025 धारा 103(1) बी.एन.एस.) दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस की नजर मृतक के बेटे रविशंकर सिदार और रामप्रसाद सिदार पर गई। पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
आरोपियों ने बताया कि एनटीपीसी मुआवजा राशि के बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। कई बार झगड़े भी हो चुके थे। रामप्रसाद ने रविशंकर को लगातार अपने पिता के खिलाफ भड़काया था। 2 अक्टूबर की शाम दोनों ने मिलकर घुराउ राम सिदार की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। जब सुकमेत सिदार ने विरोध किया, तो उसकी भी गला दबाकर हत्या कर दी गई।
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त रस्सी बरामद कर ली है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रविशंकर सिदार (26) और रामप्रसाद सिदार उर्फ गरिहा (83), निवासी रायकेरा मांझापारा के रूप में हुई है। दोनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
इस जटिल मामले को सुलझाने में थाना प्रभारी निरीक्षक कुमार गौरव, एएसआई खेमराज पटेल, रामसजीवन वर्मा, प्रधान आरक्षक पारसमणि बेहरा, आरक्षक हरीश पटेल, चंद्रशेखर चंद्राकर, प्रदीप तिग्गा और स्थानीय कालिया गुप्ता की अहम भूमिका रही।