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रायपुर// छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए एक शर्मनाक खबर सामने आई है। रायपुर क्राइम ब्रांच के छह पुलिसकर्मियों पर दुर्ग के एक कारोबारी की कार से 2 लाख रुपए चोरी करने का आरोप लगा है। यह घटना धनतेरस की रात की बताई जा रही है। कारोबारी ने न केवल शिकायत दर्ज कराई, बल्कि पुलिस की इस हरकत का CCTV सबूत भी अधिकारियों को सौंप दिया है।
मामले में दुर्ग के कारोबारी मयंक गोस्वामी, जो धमतरी में एक बाइक शोरूम के मालिक हैं, ने बताया कि वह धनतेरस के दिन शाम को धमतरी से अपने घर दुर्ग लौट रहे थे। रास्ते में रायपुर क्राइम ब्रांच की टीम ने उनकी गाड़ी को पीछा करते हुए विद्युत नगर, पद्मनाभपुर इलाके में रोक लिया।
मयंक के मुताबिक, टीम के सदस्यों ने बिना किसी नोटिस या सूचना के उनकी कार की तलाशी शुरू कर दी। इस दौरान टीम में शामिल कुछ पुलिसकर्मियों ने कार के डैशबोर्ड और सीट के नीचे रखे दो लाख रुपए निकाल लिए। उस समय कारोबारी को शक तो हुआ, लेकिन टीम की मौजूदगी में कुछ बोल नहीं पाए।
घर पहुंचने के बाद जब उन्होंने पैसों की जांच की तो रकम गायब थी। इसके बाद उन्होंने घर और दुकान में लगे CCTV कैमरों के फुटेज देखे, जिनमें स्पष्ट रूप से पुलिसकर्मी कार की तलाशी लेते और कुछ निकालते नजर आए।
इसके बाद कारोबारी ने पूरा मामला दुर्ग एसएसपी विजय अग्रवाल को लिखित में बताया और CCTV फुटेज भी सौंप दिए।घटना की जानकारी मिलते ही रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरक्षक प्रशांत शुक्ला को निलंबित कर दिया है। वहीं, टीम के अन्य सदस्य धनंजय गोस्वामी, प्रमोद वट्टी, अमित और वीरेंद्र भार्गव के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उस रात क्राइम ब्रांच को एक संदिग्ध कार की सूचना मिली थी। इसी सूचना पर टीम कुम्हारी से दुर्ग की ओर रवाना हुई थी। बताया गया कि संदिग्ध वाहन को पकड़ने के दौरान वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। बाद में टीम विद्युत नगर क्षेत्र तक पहुंची, जहां यह विवादित तलाशी की घटना हुई।
पुलिस की साख पर सवाल
इस घटना ने छत्तीसगढ़ पुलिस की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कारोबारी का कहना है कि अगर यह मामला CCTV में रिकॉर्ड नहीं होता, तो शायद कोई उनकी बात पर यकीन नहीं करता। दुर्ग एसएसपी ने कहा है कि मामले की जांच निष्पक्ष रूप से की जा रही है और यदि आरोप सही पाए गए, तो सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


