मछली पालन से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को हो रहा लाभ..

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बेमेतरा // न केवल छत्तीसगढ़ सरकार वरन भारत सरकार स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अधिक से अधिक ग्रामीण महिलाओं को जोड़कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अपने फ्लैगशिप योजना नरवा, गरवा, घुरवा अऊ बाड़ी के अंतर्गत समूह को लक्षित करते हुए विभिन्न परियोजनाएं संचालित की जा रही है, जिसमें स्व-सहायता समूह की महिलाएं भाग लेकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है। बेमेतरा जिले में कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बेमेतरा के कुशल मार्गदर्शन में लगभग प्रत्येक गोठान में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को जोड़कर आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। जिससे स्व-सहायता समूह में जुड़े हुए महिलाओं को सीधे तौर पर लाभ प्राप्त हो रहा है, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण ग्राम पंचायत ठेलका में स्पष्ट प्रदर्शित होता है जहां जय मां कर्मा स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मत्स्य पालन हेतु प्रेरित किया गया। समूह की महिलाएं जो कि घरेलू कार्यों में संलग्न होने के कारण अन्य आर्थिक गतिविधियों में भाग लेने से कतराती थी, उन्हें जिला एवं जनपद द्वारा आवश्यक प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन देकर मछली पालन के लिए प्रेरित किया गया इसका सकारात्मक परिणाम अब देखने को मिलने लगा है।

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स्व-सहायता समूह की 12 महिलाएं इस कार्य में संलग्न होकर गोठान के समीपस्थ तालाब में मछली पालन कर रही है। लगभग 4 महीने व्यतीत हो जाने के उपरांत अब उन्हें इसका लाभ होने लगा है। विगत दिवस उनके द्वारा मछली का प्रथम खेप निकाला गया। जिससे उन्हें प्रथम बार में ही लगभग 20 हजार का लाभ हुआ है। श्रीमती यशोदा साहू अध्यक्ष एवं श्रीमती शांति साहू सचिव के साथ-साथ समूह की अन्य महिलाएं अब इस कार्य के लिए उत्साहित नजर आ रही हैं एवं नियमित रूप से मछली पालन कर आर्थिक रूप से सशक्त होने की बात कहते हुए जिला प्रशासन बेमेतरा एवं छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करती है।

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