बोर्ड परीक्षा में सुधार लाने पर स्कूलों को मिलेंगे लाखों के पुरस्कार नहीं तो होगी प्राचार्यों पर कार्रवाई, कलेक्टर कन्नौजे ने दी सख्त चेतावनी..

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सारंगढ़-बिलाईगढ़// जिले के शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे ने हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के प्राचार्यों, विकासखंड शिक्षा अधिकारियों और बीआरसी अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कलेक्टर ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के कड़े निर्देश दिए।

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कलेक्टर ने कहा कि जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम 50% से कम है, उन्हें अगले शैक्षणिक सत्र में इसमें सुधार लाना अनिवार्य होगा। सुधार नहीं होने की स्थिति में संबंधित प्राचार्य और शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।

परीक्षा में सुधार पर प्रोत्साहन, नहीं तो कार्रवाई

इस बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि अगर कोई हाईस्कूल इस वर्ष परीक्षा परिणाम 40% से 90% तक सुधारता है, तो उसे ₹1 लाख, और 12वीं के लिए ऐसा करने वाले स्कूल को ₹2 लाख का प्रोत्साहन राशि दिया जाएगा। यह राशि स्कूल के शैक्षणिक विकास पर खर्च की जाएगी। वहीं दूसरी ओर, जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बेहद कम है, उन्हें चिन्हित कर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

पालकों से की अपील — “बच्चों को रोज़ स्कूल भेजें”

कलेक्टर कन्नौजे ने पालकों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें नियमित स्कूल भेजें। उन्होंने बताया कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या अब लगभग खत्म हो गई है। अब सुधार लाने की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन और पालकों दोनों की है।

हर महीने होगी परीक्षा, और घर-घर जाकर होगा संपर्क

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए हर महीने परीक्षा ली जाए। यह परीक्षाएं पिछले 5 वर्षों के मॉडल प्रश्न पत्र और अद्यतन सिलेबस के आधार पर आयोजित की जाएं। इसके साथ ही, जो विद्यार्थी लगातार अनुपस्थित हैं, उनके घर जाकर पालकों से संपर्क कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाए।

निरीक्षण, निगरानी और नैतिक शिक्षा पर जोर

शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार हेतु बीईओ, एबीईओ और बीआरसी अधिकारियों को लगातार स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। परीक्षा में 50% से कम परिणाम देने वाले स्कूलों की निगरानी के लिए जिला स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

साथ ही, कलेक्टर ने प्राचार्यों से कहा कि बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा भी दी जाए—जैसे ट्रैफिक नियमों का पालन, पर्यावरण संरक्षण, बाल विवाह की रोकथाम, लैंगिक संवेदनशीलता, स्वच्छता, और माता-पिता का सम्मान आदि।

प्रमाण पत्र के लिए बच्चे न भटकें

जिन विद्यार्थियों के जाति, आय या निवास प्रमाण पत्र नहीं बने हैं, उनके लिए विद्यालय स्तर पर ही आवेदन फार्म भरवाकर, स्थानीय एसडीएम और तहसीलदार से संपर्क कर प्रमाण पत्र बनवाने के निर्देश दिए गए हैं।

तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित — कोटपा एक्ट का पालन करें

कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया कि सभी स्कूल परिसरों के 100 मीटर के दायरे को नो-टोबैको जोन घोषित किया गया है। यदि कोई दुकानदार इस क्षेत्र में तंबाकू उत्पाद बेचता है, तो उसकी जानकारी संबंधित एसडीएम को तत्काल दी जाए।

सुधार की पहल, भविष्य की दिशा

बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी जे.आर. डहरिया, सभी बीईओ, प्राचार्य और अन्य शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर कन्नौजे की इस सख्त, लेकिन प्रोत्साहन आधारित पहल को शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।

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