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रायपुर// छत्तीसगढ़ में सीबीआई की लिमिट तय होने पर सियासत गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इसे पर सवाल उठाएं हैं। उन्होंने कहा, सीबीआई की एंट्री पर राज्य और केंद्र सरकार के बीच तालमेल नहीं है। उन्होंने पूछा कि क्या सीबीआई की एंट्री केवल कांग्रेस के लिए है।
भाजपा सरकार में सीबीआई की सीमा क्यों?
बैज ने कहा, कांग्रेस सरकार में सीबीआई बैन पर भाजपा सवाल उठाती रही। भाजपा सरकार में सीबीआई की सीमा क्यों तय हुई, इसका जवाब देना चाहिए। बता दें कि राज्य सरकार ने 9 सितंबर को अधिसूचना जारी की है। इसके मुताबिक, अब सीबीआई राज्य सरकार के अधीन लोक सेवकों से संबंधित मामलों में लिखित अनुमति के बिना जांच नहीं कर सकेगी।
आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा गुमराह कर रही
आरक्षण के मुद्दे को लेकर बैज ने कहा, इसे लेकर भाजपा गुमराह कर रही है। भाजपा आरक्षण की हितैषी है तो राजभवन में लंबित विधेयक पर ध्यान दें। छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही चाकूबाजी की घटना को लेकर बैज ने कहा कि राज्य में अपराधी बेलगाम हो गए हैं।
क्या है नोटिफिकेशन में?
CBI की लिमिटेशन को लेकर गृह विभाग ने एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन में सीबीआई को जांच करने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही एक लाइन यह भी लिखा गया है कि यह सहमति इस शर्त के अधीन है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित लोक सेवकों से संबंधित मामलों में, राज्य सरकार की पूर्व लिखित अनुमति के बिना ऐसी कोई इन्वेस्टिगेशन नहीं किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के तीन केस CBI के पास
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सीबीआई को राज्य में एंट्री मिली थी। छत्तीसगढ़ में सरकार ने अपने 10 महीने के कार्यकाल में तीन केसों को सीबीआई को सौंपा है। इसमें महादेव सट्टा ऐप, बिरनपुर हिंसा और छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले की जांच है। बड़ी बात ये है कि सीजीपीएससी में जिन अधिकारियों पर आरोप लगा है वह राज्य सरकार के कर्मचारी हैं। ऐसे में सीबीआई को इन अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी।
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