PDS चावल का अफरा तफरी, चावल से भरी गाड़ी को ग्रामीणों ने थाना सरगांव के हवाले किया, वि.शिक्षा अधिकारी को मामला की जांच हेतु गई शिकायत, पुलिस की भूमिका संदिग्ध..

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सरगांव// आपको बता दे कि दिनांक 1/5/24 को तकरीबन 6 से 8 बजे के बीच थाना सरगांव में pds (सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा बांटा जाने वाला चावल) चावल से भरी पिकअप को थाना सरगांव लाया गया जिससे खूब हंगामा हुआ।
मामले की जानकारी ग्राम पंचायत दौना के ग्रामीणों के द्वारा दिया गया जिसमें बताया गया कि विकास खंड पथरिया के प्राथमिक स्कूल दौना से शिक्षक नंद कुमार कर्स के द्वारा स्कूल से मध्यान भोजन वाले चावल को पिकअप में भरकर कहीं ले जाया जा रहा था। पूछने पर स्कूल में साफ सफाई चुनाव के चलते किया जाना है जिस पर मैं चावल को ले जा रहा हूं। ग्रामीणों ने शिक्षक नंदकुमार से कोई आदेश होतो जानकारी मांगा तो वह हड़बड़ा गया और लोगों को सही जवाब नहीं दिया तब जाकर ग्रामीणों को लगा कि शिक्षक चावल की चोरी कर रहा है जिस पर शिक्षक और ग्रामीणों के बीच काफी बहस बाजी हुआ । मामले की जानकारी पुलिस को दिया गया।
मामले की जानकारी होती ही तत्काल सरगांव थाना प्रभारी अमित गुप्ता के द्वारा टीम गठित कर तत्काल मौके वारदात पर टीम भेज कर चावल से भरी पिकअप को जप्त कर थाना लाया गया।

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मामला चोरी का प्रतीक होता है-
आपको बता दें कि थाना सरगांव जिस पिकअप को लाया गया उसे पिकअप में पीडीएस का चावल भरा हुआ था। क्योंकि यह मामला एक स्कूल का है इससे पता चलता है कि सभी शासकीय स्कूलों में सरकार के द्वारा मध्यान भोजन हेतु जो चावल दिया जाता है तो यह वही चावल प्रतीत होता है।
मध्यान भोजन सभी शासकीय स्कूलों में बच्चों की अच्छी पोषण स्वास्थ्य स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक और गरम सरकार के द्वारा दिया जाता है जिसका पूरा हिसाब किताब स्कूल के प्रधान पाठक के पास रहता है। अगर विकासखंड पथरिया अंतर्गत प्राथमिक स्कूल दौना से ग्रामीणों ने शिक्षक नंदकुमार कर्स को रंगे हाथों लगभग 21 क्विंटल चावल को पिकअप में भरकर ले जाते हुए पकड़ा जिसे सरगांव पुलिस को सौपा।

अब यह प्रश्न उठता है कि अप्रैल माह में जब स्कूल की छुट्टियां चालू हुई तब इतना चावल कैसे और क्यों स्कूल में बचा ? अगर बचा तो बच्चों को क्या खिलाया गया होगा? इस पर मध्यान भोजन में शिक्षक के द्वारा गड़बड़ी का मामला भी जाहिर होता है.।
पूरे मामले को लेकर जांच हेतु

मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध.. उच्च अधिकारियों को बिना जानकारी के ही थाना सरगांव से गाड़ी छोड़ दिया गया.
आपको बता दे कि यह मामला पहले नजर में चोरी का प्रतीत होता है ऐसे में थाना सरगांव को मामले की तह तक जाते हुए छानबीन करना चाहिए था। या मामला पीडीएस का चावल जो की सरकारी बोरी में पिकअप में भरा हुआ था। सरकारी और स्कूल का चावल होने के वजह से यह मामला राजस्व के अनुविभागीय अधिकारी और विकासखंड शिक्षा अधिकारी को सूचना देकर इस मामले की पुष्टि करना चाहिए था ऐसे में मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत के सरपंच और शिक्षक आपस में समझौता कर गाड़ी को ले गए। ऐसा जानकारी थाना सरगांव से प्राप्त हुई है

वह चावल किसका था कहां से आया अभी तक इसकी जानकारी प्राप्त नहीं हुई है और थाना सरगांव से चावल से भरी गाड़ी को छोड़ने के बाद वह चावल को कहां ठिकाना लगाया गया इसकी भी जांच होना अभी बाकी है।

नन्हे बचों के पेट मार रहे शिक्षक की खुले आम चोरी के मामले को आसानी से समझौते का नाम लेकर (लेनदेन कर) आपराधिक प्रवित्तियों के लोगों को बल देता पुलिस प्रशासन का कृत्य भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है अब देखना यह है कि उच्च आला अधिकारी इस विषय पर कितना संज्ञान लेते हैं। और मामले की पुष्टि होने पर संबंधित शिक्षकों के ऊपर क्या कार्रवाई की जाएगी।

उक्त मामले की शिकायत..
विकासखंड शिक्षा अधिकारी पथरिया पीएस बेदी को लिखित में जांच कार्यवाही हेतु शिकायत किया गया है।

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