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रायपुर/ छत्तीसगढ़ में आज से धान खरीदी उत्सव शुरू हो रहा है. 14 नवंबर से 31 जनवरी 2025 तक प्रदेश में धान खरीदी होगी. 33 जिलों में सरकार ने धान खरीदी की व्यवस्था की है. इस बार सरकार ने 160 मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया है. प्रदेश में 2058 सहकारी समितियां और 2739 धान उपार्जन केंद्रों के जरिए किसानों का धान लिया जाएगा. इस बार प्रदेश में 3100 रूपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर किसानों से धान लिया जाएगा.
टोकन सिस्टम से लिया जाएगा धान
किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जाएगी. लघु एवं सीमांत किसानों का दो टोकन एवं बड़े किसानों का तीन टोकन काटा जाएगा. किसान समिति एवं मोबाइल ऐप टोकन तुंहर हाथ के माध्यम से आसानी से टोकन प्राप्त कर सकेंगे.
धान खरीदी केंद्र पर कैसे इंतजाम?
धान खरीदी केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक तौल यंत्र से खरीदी होगी. इसके अलावा धान खरीदी केंद्रों पर कंप्यूटर, प्रिंटर, यूपीएस, जेनरेटर भी लगाए गए हैं. बायोमेट्रिक मशीन, बारदानों की व्यवस्था, सीसीटीवी का इंस्टॉलेशन, किसानों के बैठने का इंतजाम और केंद्र पर पानी जैसे इंतजाम हैं. धान खरीदी के लिए प्रदेश में 4.02 लाख गठान बारदाने की खरीदी की स्वीकृति मिली है.
प्रदेश में सबसे ज्यादा धान का दाम
छत्तीसगढ़ देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां किसानों को धान का सर्वाधिक मूल्य मिल रहा है. इस राज्य के किसान के लिए धान की फसल लगाना, काटना और उसे बेचना किसी बड़े उत्सव से कम नही है, क्योंकि राज्य की अर्थ व्यवस्था का सबसे व्यापक साधन धान ही है.
बिचौलियों को रोकने के लिए खास इंतजाम
छत्तीसगढ़ से सटे राज्यों से अक्सर धान लाकर बिचौलियों के माध्यम से प्रदेश में धान खपाया जाता है.जिसे रोकने के लिए प्रदेश में खास इंतजाम किए गए हैं. बॉर्डर समेत प्रदेश के हर जिले में जिला प्रशासन ने टीमें गठित की है.जो धान खरीदी केंद्रों में लाए जा रहे धान और किसान पर खास निगरानी रख रही है.
क्यों बिचौलिए रहते हैं सक्रिय
केंद्र सरकार की ओर से धान का समर्थन मूल्य 2320 रुपए तय है. लेकिन छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार 3100 रुपए में धान खरीदी का फैसला लिया है.ऐसे में केंद्र के निर्धारित मूल्य से किसानों को 800 रुपए ज्यादा प्रदेश के किसान को मिलेंगे.इसलिए अधिक पैसे पाने के लिए दूसरे राज्यों के किसान छत्तीसगढ़ में बिचौलियों के माध्यम से धान बेचने के फिराक में रहते हैं.
पंजीकृत किसानों की संख्या 22 हजार 757
जानकारी मुताबिक पिछले खरीफ वर्ष 2023-24 में पंजीकृत किसानों की संख्या 22 हजार 347 थीं, 30 हजार 650 हेक्टेयर में धान बोए गए हैं. जबकि इस खरीफ वर्ष 2024-25 में पंजीकृत किसानों की संख्या 22 हजार 757 है.28 हजार 623 हेक्टेयर से अधिक रकबे में धान बोया गया है. इस वर्ष जिले में धान उपार्जन का लक्ष्य 137195 मैट्रिक टन है.
Sub Editor