NTCA की रिपोर्ट से खुलासा : छत्तीसगढ़ में 5 साल में कम हुए 130 तेंदुए, खाने-पीने और सुरक्षा में करोड़ों खर्च, फिर भी संख्या घटी..

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रायपुर/ छत्तीसगढ़ में बीते पांच साल में 130 तेंदुए (लेपर्ड) कम हुए हैं। इस बात का खुलासा नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) की रिपोर्ट से हुआ है। यह रिपोर्ट गुरुवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार 2018 में छत्तीसगढ़ में तेंदुआ की संख्या 852 थी।

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वर्तमान में प्रदेश में तेंदुआ की संख्या 722 रह गई है। हिंसक वन्य प्राणियों के संरक्षण में बीते तीन साल में करोड़ों रुपए खर्च किए गए। इस खर्च के बाद भी तेंदुआ की संख्या प्रदेश में नहीं बढ़ी है। देश में अब 13 हजार 874 तेंदुए हैं। सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा तेंदुओं की संख्या महाराष्ट्र में 1985, कर्नाटक में 1879 और तमिलनाडु में 1070 है। पिछली गणना 2018 में देश में तेंदुआ की संख्या 12852 थी।

इन राज्यों में बढ़ी तेंदुआ की संख्या

मध्य प्रदेश में 2018 की गणना में 3421 तेंदुए थे जो 2022 की गणना में 3907 हो गए। इसी तरह उत्तर प्रदेश में 316 तेंदुए थे जिसकी संख्या 2022 में 371 पहुंच गई है। इसके साथ ही झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, असम और बंगाल में भी इनकी संख्या बढ़ी है।

इन राज्यों में भी घटी तेंदुए की संख्या

उत्तराखंड में 2018 की गणना में 839 तेंदुए थे। 2022 में 652 हो गए। बिहार में पिछली गणना में 98 थे। इस गणना में 86 हो गए है। तेलंगाना में पिछली गणना में 334 थे। इस गणना में 297 पर सिमट गए है। इसी तरह से गोवा और केरल में भी संख्या कम हुई है।

शिकार-तस्करी तेंदुआ कम होने की प्रमुख वजह

प्रदेश के जंगलों में तेंदुआ कम होने का प्रमुख कारण शिकार और तस्करी होना बताया जा रहा है। पिछले पांच साल में वन विभाग के अधिकारियों ने अभियान चलाकर कई शिकारियों और तस्करों को पकड़ा है। इन शिकारियों और तस्करों से तेंदुआ समेत अन्य वन्य प्राणियों के अवशेष भी बरामद किए है।

टॉप-3 में यह टाइगर रिजर्व

टाइगर रिजर्व या सबसे अधिक तेंदुए की आबादी वाले स्थल आंध्रप्रदेश के श्रीशैलम में नागार्जुन सागर और इसके बाद मध्यप्रदेश में पन्ना और सतपुड़ा है। भारत में तेंदुओं की आबादी 13,874 (रेंज: 12,616-15,132) व्यक्ति होने का अनुमान है। यह 2018 में 12,852 (12,172-13,535) व्यक्तियों के समान क्षेत्र की तुलना में स्थिर आबादी का प्रतिनिधित्व करती है। यह अनुमान तेंदुए के निवास स्थान की 70 प्रतिशत आबादी को दर्शाता है। इसमें हिमालय और देश के अर्ध शुष्क हिस्सों का नमूना नहीं लिया गया है, क्योंकि यह निवास स्थान नहीं हैं।

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