आवास योजना में जियो टैग के एवज में हितग्राहियों से अवैध वसूली, आवास मित्र के खिलाफ जनदर्शन में हुई शिकायत, नहीं हुई कार्रवाई..

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रायगढ़// सरकारी योजना और उसमें घूसखोरी आज के समय में एक ट्रेंड सा बन गया है। बड़ी-बड़ी टेंडर्स से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक के सभी कार्यों को पूरा करने के लिए जनता द्वारा अधिकारी कर्मचारियों को चढ़ौती दी जाती है ताकि उनके कार्य आसानी से पूर्ण हो सकें। ऐसा ही एक मामला पुसौर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत सेमरा में सामने आया है जहां आवास मित्र शुभम पटेल द्वारा पीएम आवास के हितग्राहियों से जियो टैग करने के एवज में 3-3 हजार रुपए की चढ़ौती के नाम पर अवैध तरीके से वसूली की गई है।

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दरअसल, छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में जिला स्तर पर संविदा कर्मचारी के रूप में आवास मित्रो की नियुक्ति की गई है। ताकि पीएम आवास योजना में वे हितग्राही और जिला प्रशासन के बीच की कड़ी बनें और इस योजना से संबंधित कार्यों को गति मिल सके। मगर जनपद पंचायत पुसौर के आवास मित्र प्रशासन द्वारा प्राप्त अपने अधिकारों का गलत फायदा उठाते नजर आ रहे हैं। उनके द्वारा जनपद कार्यालय में चढ़ौतरी देने के नाम पर हितग्राहियों से अवैध तरीके से 3-3 हजार की वसूली की जा रही है। फिलहाल मामले की शिकायत सेमरा के ग्रामीण दुर्गेश मालाकार द्वारा कलेक्टर जनदर्शन में किया गया है।

जनदर्शन में की गई शिकायत की कॉपी

आपको बता दें कि यह ऐसा पहला मामला नहीं है जिसमें जियो टैग के नाम पर पैसों की मांग की गई है, ऐसे कई मामले सामने आए है जिसमें रुपयों की मांग सहित मनमाने ढंग से जियो टैग करने की बात सामने आई है। इसके अलावा बिना निर्माण किए किसी और के मकान का फोटो लगाकर दूसरों के नाम पर जियो टैग किया जा रहा है और हितग्राहियों को लाभ पहुंचाने के एवज में पैसा लिया जा रहा है। इसके साथ ही जब आवास मित्र शुभम पटेल को फोन के माध्यम से संपर्क कर इस अवैध वसूली के बारे में पूछा गया तो उनके जनपद पंचायत पुसौर में बैठे किसी अधिकारी को पैसा देने की बात कही। फिलहाल सेमरा ग्राम पंचायत के आवास मित्र शुभम पटेल के द्वारा जियो टैग के एवज में ग्रामीणों से 3 – 3 हजार लेने की शिकायत कलेक्टर रायगढ़ से की गई है। मगर शिकायत को 4 दिन हो गया पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब देखना होगा कि जिला कलेक्टर आवास मित्र शुभम पटेल और इस मामले में संलिप्त जनपद के अधिकारियो के ऊपर कब तक कार्रवाई करते है।

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