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कोरबा// छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के 16 हजार से अधिक कर्मचारी 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे एनएचएम कर्मियों ने आज खून से खत लिखकर अपना विरोध जताया। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के नाम खून से पत्र लिखकर हड़तालियों ने अपनी मांगों की तरफ सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है।
एनएचएम कर्मचारियों ने संविलियन, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, लंबित वेतन वृद्धि और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन का ऐलान किया है। खास बात यह है कि इस बार आपातकालीन सेवाएं भी पूरी तरह बंद रहेंगी। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा संकट खड़ा होने जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के 16 हजार से अधिक कर्मचारी 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
हड़ताल की वजह से राज्यभर के अस्पतालों में न केवल नियमित सेवाएं बाधित है, बल्कि आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हो रही है। इस हड़ताल का सबसे गंभीर असर विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (SNCU) पर पड़ेगा। संघ ने साफ किया है कि इस बार न तो आपातकालीन सेवाएं दी जाएंगी और न ही कलम उठाई जाएगी। इसका सीधा असर उन मरीजों पर पड़ेगा जिन्हें तत्काल इलाज की आवश्यकता होती है।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें
एनएचएम कर्मचारियों ने अपनी कई लंबित मांगों को लेकर यह आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है। प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
- संविलियन (नियमितिकरण)
- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
- ग्रेड-पे का निर्धारण
- कार्य मूल्यांकन प्रणाली में पारदर्शिता
- 27 प्रतिशत लंबित वेतन वृद्धि
- नियमित भर्ती में आरक्षण
- अनुकंपा नियुक्ति
- मेडिकल व अन्य अवकाश की सुविधा
- स्थानांतरण नीति