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रायगढ़// तमनार क्षेत्र के मुड़ागांव में अदानी समूह द्वारा की जा रही जंगल की कटाई को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। ग्रामीणों के विरोध के बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो दर्जन से ज्यादा विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ मुड़ागांव पहुंचे। यहां उन्होंने आदिवासियों की लड़ाई को पूरी तरह जायज बताते हुए कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया।
भूपेश बघेल ने कहा, “हमारी पार्टी आपके साथ है। यह जंगल-जमीन बचाने की लड़ाई है। बरसात के दिनों में जंगल नहीं काटा जाता, लेकिन यहां पूरा जंगल साफ कर दिया गया। 2000 फोर्स के साथ अदानी के लोग आए और पेड़ों को काट डाला। यदि कोई ग्रामीण सूखी लकड़ी भी ले आए तो वन विभाग उस पर कार्रवाई कर देता है, लेकिन इस जंगल की कटाई पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
बिना ग्रामसभा के पेंड कटे, पेशा कानून का खुला उल्लंघन
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पंचायती राज और पेशा कानून लागू है। बिना ग्रामसभा की अनुमति के कोई भी काम नहीं हो सकता। “यह कानून राज नहीं, यह जंगल राज है। भाजपा सरकार कानून का पालन नहीं कर रही।”
अदृश्य शक्ति कौन?
बघेल ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब भाजपा की सरकार बनी और विष्णु देव साय ने शपथ भी नहीं ली थी, तब हसदेव का जंगल साफ हो गया। “यह अदृश्य शक्ति कौन है, जो इतने बड़े पैमाने पर जंगल कटवा रही है?”
मुख्यमंत्री और सांसद चुप क्यों हैं?
26 और 27 जून को जंगल तबाह कर दिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, सांसद गोमती साय और ताकतवर मंत्री ओपी चौधरी अभी तक चुप हैं। “उन्हें ग्रामीणों के साथ खड़ा होना चाहिए था, लेकिन वे अदानी के मुलाजिम बन गए हैं।”
कोयला खदान की जरूरत ही क्यों?
भूपेश बघेल ने कहा कि अगर सरकार हाइड्रो, सोलर और विंड प्रोजेक्ट से बिजली बना सकती है तो कोयला खदानें क्यों खोली जा रही हैं?
10400 स्कूल बंद, शिक्षा से वंचित कर रही सरकार
भाजपा की स्कूल युक्तिकरण नीति पर हमला करते हुए बघेल बोले कि प्रदेश के 10,400 से ज्यादा स्कूल बंद कर दिए गए। “सरकार आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित करना चाहती है। बस 1000 रुपये महतारी वंदन और 5 किलो राशन देकर जनता को खुश रखना चाहती है।”
शेड पर उठाए सवाल
ग्रामीणों से चर्चा के दौरान बघेल की नजर एक शेड पर पड़ी। उन्होंने पूछा कि ये किसका है? जवाब मिला कि यह मुआवजे के लिए बनाया गया है, लेकिन ग्रामीणों ने कहा कि यह आदिवासियों का नहीं बल्कि उद्योगपतियों का है। इस पर बघेल ने कहा कि “मुआवजा असली मालिक को मिलना चाहिए।”
मामला राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने की तैयारी
पूर्व मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि यह मुद्दा आगामी विधानसभा सत्र में उठाया जाएगा। साथ ही 7 जुलाई को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के रायपुर दौरे के दौरान एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलेगा ताकि मामला राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे।
बरसात में जंगल में प्रवेश भी मना, लेकिन सरकार ने साफ कर दिया जंगल
बघेल ने कहा कि बरसात में जंगल में ग्रामीणों का प्रवेश भी मना है, एक टहनी काटने पर जुर्म दर्ज होता है। “लेकिन यहां वन विभाग, जिला प्रशासन और अदानी के लोगों की मिलीभगत से पूरा जंगल साफ कर दिया गया। यह पेशा कानून, एनजीटी और वन नियमों का खुला उल्लंघन है।”
बघेल ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने आगे कहा कि – विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री बने ताकि आदिवासियों का नुकसान किया जा सके। बस्तर में 6 माह के बच्चों को नक्सली बताकर मारा जा रहा है, रसोइयों को गोली मारी जा रही है। यह सरकार जनता की नहीं, अदानी की है।
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