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कोरबा/कटघोरा, 2 सितंबर 2025 : कटघोरा से चंदनपुर तक नेशनल हाईवे-130 पर अंधेरा अब मौत का कारण बनता जा रहा है। सड़क किनारे लगी लाइटें कई महीनों से बंद पड़ी हैं, लेकिन उनकी मरम्मत पर न तो जिम्मेदार ठेका कंपनी ध्यान दे रही है और न ही प्रशासन सक्रिय हो रहा है।
नतीजतन, रात के समय यह पूरा 20 किलोमीटर लंबा मार्ग खतरनाक साबित हो रहा है।पिछले कुछ दिनों में इस मार्ग पर बाइक सवार दो युवकों की जान सड़क दुर्घटना में चली गई। इसके अलावा, दर्जनों मवेशी भी वाहन दुर्घटनाओं का शिकार होकर अपनी जान गंवा चुके हैं। हाईवे पर तेज रफ्तार से गुजरने वाले वाहनों को घने अंधेरे में न तो सामने से आती गाड़ियां दिखती हैं और न ही अचानक सड़क पर आ जाने वाले इंसान या मवेशी। इससे हादसों की आशंका और बढ़ जाती है।*यात्रियों और मवेशियों की जिंदगी खतरे में*रात ढलते ही पूरा हाईवे घने अंधेरे में डूब जाता है। ऐसे में वाहन चालक न तो सड़क को साफ देख पाते हैं और न ही आसपास की गतिविधियों का अंदाजा लगा पाते हैं। नतीजा यह होता है कि जरा सी चूक बड़े हादसे का रूप ले लेती है। इस स्थिति में न सिर्फ यात्रियों की जान खतरे में है बल्कि बेजुबान मवेशी भी आए दिन काल के गाल में समा रहे हैं।

प्रशासन और कंपनी पर सवाल नेशनल हाईवे-130 पर दिन-रात भारी वाहनों की आवाजाही होती है। यह मार्ग आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसके बावजूद, सड़क सुरक्षा की सबसे बुनियादी व्यवस्था यानी लाइटों को दुरुस्त करने में लापरवाही बरती जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दिलीप बिल्डकॉन कंपनी द्वारा इस मार्ग का निर्माण किया गया था, लेकिन कंपनी ने लाइटों की देखरेख की जिम्मेदारी निभाने में कोताही बरती है। वहीं प्रशासन भी इस गंभीर समस्या पर चुप्पी साधे हुए है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब हादसों की सीधी वजह अंधेरा है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?क्षेत्रवासियों ने मांग की है कि जल्द से जल्द हाईवे पर बंद पड़ी लाइटों को चालू किया जाए। साथ ही जिम्मेदार कंपनी और प्रशासन को सुरक्षा की स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। लोगों का कहना है कि अब और जानें बर्बाद न हों, इसके लिए त्वरित कदम उठाना जरूरी है।
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