40 करोड़ के भ्रष्टाचार की बू : 6 जिलों की आंगनबाड़ियों में सप्लाई घोटाले की जांच शुरू, मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने गठित की हाईलेवल टीम..

शेयर करें...

रायपुर// छत्तीसगढ़ में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में 40 करोड़ रुपए की सामग्री आपूर्ति को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। घटिया गुणवत्ता की सप्लाई के गंभीर आरोपों के बीच अब पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने खुद संज्ञान लेकर विशेष जांच टीम का गठन किया है और साफ कर दिया है – “अगर लापरवाही या भ्रष्टाचार मिला तो कोई बख्शा नहीं जाएगा।”

Join WhatsApp Group Click Here

सप्लाई में खेल : राज्य के छह जिलों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, जशपुर और सरगुजा के आंगनबाड़ी केंद्रों में करोड़ों की सामग्री सप्लाई की गई थी। इनमें अनाज कोठी, फर्नीचर, बर्तन, सैनिटरी पैड, वजन मापने की मशीन जैसे सामान शामिल हैं। आरोप है कि इन सामानों की गुणवत्ता बेहद घटिया है। कमजोर पैकेजिंग, तय मापदंडों से कम वजन और खराब सामग्री की आपूर्ति कर सरकारी खजाने को चूना लगाया गया है।

मंत्री ने खुद संभाला मोर्चा : मंत्री राजवाड़े ने 7 मई को जांच के निर्देश दिए थे और उसके बाद भी संबंधित अफसरों को स्मरण पत्र भेजकर प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। अब विभाग के संचालक ने एक उच्चस्तरीय विशेष जांच टीम गठित की है।

जांच टीम में कौन-कौन : जांच में वित्तीय और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है। इसमें शामिल हैं

  • महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक (वित्त)
  • प्रबंध संचालक, CSIDC
  • गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर से नामित तकनीकी विशेषज्ञ
  • संबंधित जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी
  • दो प्राइवेट तकनीकी संस्थानों – IR Class Systems & Solutions Pvt. Ltd. और SGS India Pvt. Ltd. के प्रतिनिधि

टीम सप्लाई की गई सामग्री की भौतिक गुणवत्ता, वजन, पैकेजिंग और उपयुक्तता की जांच करेगी। सैंपल लेकर मान्यता प्राप्त सरकारी लैब्स में टेस्ट भी कराए जाएंगे।

15 दिन में मांगी गई रिपोर्ट, दोषियों पर होगी कार्रवाई : मंत्री राजवाड़े ने सूरजपुर में कहा, “जांच रिपोर्ट 15 दिन में चाहिए। अगर किसी भी स्तर पर गड़बड़ी मिली, तो कड़ी कार्रवाई होगी।”

कड़ी निगरानी में जांच, लेकिन सवाल उठते हैं…

  • क्या ये सप्लाई ठेकेदारों की मिलीभगत से की गई थी?
  • क्या विभागीय अफसरों की मिलीभगत से घटिया सामग्री पास कर दी गई?
  • करोड़ों का बजट पास होने के बाद भी क्वालिटी कंट्रोल क्यों नहीं हुआ?
  • अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि 15 दिन बाद रिपोर्ट क्या कहेगी सच सामने आएगा या घोटाले को फाइलों में दफन कर दिया जाएगा?

जवाबदेही जरूरी है, क्योंकि मामला उन नन्हें बच्चों और माताओं से जुड़ा है जिनके हक पर डाका डाला गया है।

Scroll to Top