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बिल्हा / दिनांक 29 दिसंबर को बिल्हा विधानसभा के ग्राम मुढ़ीपार में गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, क्षेत्रीय विधायक धरमलाल कौशिक सांसद अरुण साव, पूर्व स्वास्थ्य, मंत्री डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी, पूर्व खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले एवं अन्य भाजपा नेताओं का कार्यक्रम कुछ भाजपा समर्थित लोगों के द्वारा आयोजित किया गया है जिस पर सतनामी समाज में भारी आक्रोश दिखाई दे रहा है, यहां तक की बिल्हा दंडाधिकारी को कार्यक्रम निरस्त करने की मांग भी की गई है।
कुछ दिनों पूर्व ही गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर बिल्हा विधानसभा में वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आगमन हुआ था जिस पर सतनामी समाज के लोगों द्वारा आपत्ति दर्ज भी कराया गया था लेकिन कार्यक्रम के 24 घंटे पहले ही समाज के युवकों को पुलिस के द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से नजरबंद कर दिया गया था।
छत्तीसगढ़ के प्रत्येक क्षेत्र में अनुसूचित जाति आरक्षण की बढ़ोतरी के मुद्दे को लेकर नाराजगी एवं आक्रोश देखने को लगातार मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दलों के आलाकमान के द्वारा अपने गुर्गों के माध्यम से सतनामी समाज के कार्यक्रम में मंच साझा किया जा रहा है।
सतनाम यूथ फोर्स के जिलाध्यक्ष असकरण दास जोगी का कहना है कि आरक्षण की कटौती भारतीय जनता पार्टी की सरकार में ही हुई थी तब कांग्रेस पार्टी मौन थी और अब नये आरक्षण विधेयक पारित होने पर भी जब अनुसूचित जाति वर्ग के साथ नाइंसाफी एवं सौतेला व्यवहार किया गया तब विपक्ष में भाजपा चुप्पी साधे हुए हैं इन दोनों समान वाक्यात से यह तय होता है कि भाजपा और कांग्रेस पार्टी अनुसूचित जाति विरोधी मानसिकता रखती है।
सामाजिक कार्यकर्ता मनोज लहरे द्वारा कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही पटेल आयोग का गठन किया गया है जो आज 3 साल होने पर भी अनुसूचित जाति की जनसंख्या से संबंधित एक भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाई है लिहाजा आज कांग्रेस सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति के आरक्षण को पुनः 16% नहीं किया जा रहा है ऐसी स्थिति में इनका विरोध प्रत्येक मंच पर किया जाएगा तथा आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी एवं भाजपा पार्टी दोनों को परिणाम भुगतना पड़ेगा।