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सारंगढ़-बिलाईगढ़// बरमकेला तहसील के ग्राम झनकपुर से सरकारी कोटवारी भूमि के दुरुपयोग का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि गांव के पूर्व कोटवार (जिनकी अब मृत्यु हो चुकी है) के लगभग 4 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध खनन किया गया है। खनन की गहराई इतनी ज्यादा है कि वहां करीब 40 फीट का गड्ढ़ा बन गया है। यह गड्ढ़ा अब गांव के लिए खतरा बन चुका है।
40 फीट गहरे गड्ढ़े से हादसों का डर
ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के मौसम में यह गड्ढ़ा पानी से भर जाता है और मवेशी व अन्य जानवर इसमें गिरकर घायल हो जाते हैं। कई छोटे हादसे अब तक हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह गड्ढ़ा किसी भी दिन बड़ा हादसा करा सकता है।

शिकायत पहुंची तहसीलदार तक
गाँव के सरपंच और पंचों ने इस मामले की शिकायत बरमकेला तहसीलदार को लिखित रूप में की है। शिकायत में स्पष्ट कहा गया है कि पूर्व कोटवार के परिवार ने सरकारी जमीन को नुकसान पहुँचाकर अनुचित लाभ लिया है। ऐसे में परिवार द्वारा कोटवारी पद के लिए दिया गया आवेदन भी निरस्त किया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि जो परिवार शासकीय संपत्ति का संरक्षण न कर सके, उसे कोटवारी जैसे जिम्मेदार पद पर नहीं बैठाना चाहिए।
पटवारी ने की जांच
मामले की शिकायत पर झनकपुर पहुँचे पटवारी टेकराम राठिया ने आज उक्त शासकीय भूमि का निरीक्षण कर पंचनामा तैयार किया और जांच प्रतिवेदन बनाया। पटवारी ने स्पष्ट किया कि लगभग 4 एकड़ भूमि पर अवैध खनन से करीब 40 फीट गहरा गड्ढ़ा बन चुका है, जो मवेशियों और ग्रामीणों के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले का जांच प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों तक भेजा जाएगा, ताकि आगे की कार्रवाई हो सके।
लगातार लापरवाही से बढ़ रहा खतरा
झनकपुर के सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि शासकीय भूमि पर कब्जा और दुरुपयोग की घटना सामने आते रहती है, लेकिन प्रशासन की नरमी और उदासीनता के चलते ऐसे मामले दब जाते हैं। इस बार गांव के लोग आंदोलन के मूड में हैं और साफ कह रहे हैं कि यदि प्रशासन ने जल्द ही कार्रवाई नहीं की, तो वे जिला मुख्यालय तक आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस अवैध खनन कीजाँच उच्च स्तर पर कराई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
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