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कोरबा// कोरबा जिले में वायरल फोटो पर शुरू हुआ विवाद अब पूरी तरह से सियासी रंग ले चुका है। कलेक्टर अजीत वसंत द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जमकर पलटवार किया और सीधे शब्दों में कहा – “मैं कलेक्टर का चपरासी नहीं हूं, जो उसके निर्देश मानूं।”
पूरा विवाद एक फोटो को लेकर है जिसमें राज्यपाल रामेन डेका के साथ कलेक्टर अजीत वसंत बैठे हैं और ननकीराम कंवर खड़े नजर आ रहे हैं। इस फोटो को लेकर जयसिंह अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इसे आदिवासी नेता का अपमान बताया था। यही पोस्ट अब विवाद की जड़ बन चुकी है।
कलेक्टर ने इस पोस्ट को लेकर नोटिस जारी किया और कहा कि पोस्ट से शासन-प्रशासन की नकारात्मक छवि बन रही है, इसलिए उसे तत्काल हटाया जाए, नहीं तो कानूनी कार्रवाई होगी। जवाब में जयसिंह अग्रवाल ने कहा, “मैं कोई अपराधी नहीं हूं। ये पोस्ट मैंने संवेदनशीलता से किया है, इसे डिलीट नहीं करूंगा।”
जयसिंह ने आगे कहा – “मैं कलेक्टर का मातहत कर्मचारी नहीं हूं, जो वह मुझे सस्पेंड कर देगा।” उनकी इस बयानबाज़ी से सियासत और गरमा गई है।
इतना ही नहीं, जिन ननकीराम कंवर को लेकर सारा मामला शुरू हुआ, उन्होंने भी यू-टर्न लेते हुए अब कलेक्टर पर सवाल उठाए हैं। पहले उन्होंने कहा था कि फोटो में उनका अपमान नहीं हुआ, लेकिन अब उनका कहना है – “राज्यपाल के बगल में कलेक्टर का बैठना अनुचित था। बाद में राज्यपाल ने खुद उन्हें बाहर जाने को कहा।” उन्होंने जयसिंह अग्रवाल का समर्थन करते हुए कहा कि “राजनीतिक व्यक्ति प्रतिक्रिया दे सकता है, उन्होंने गलत नहीं किया।”
क्या है पूरा मामला:
12 जुलाई को राज्यपाल रामेन डेका कोरबा दौरे पर थे। इस दौरान ननकीराम कंवर ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। उसी वक्त खींची गई एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें राज्यपाल के साथ कलेक्टर बैठे थे और ननकीराम कंवर खड़े थे। इसी फोटो को लेकर पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने फेसबुक पोस्ट की थी।
अब इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है। सोशल मीडिया से शुरू हुआ फोटो विवाद अब सीधे प्रशासन और राजनीति के आमने-सामने की जंग में तब्दील हो गया है।
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