कलेक्टर को हटाने धरने पर बैठेंगे पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर, कोरबा कलेक्टर को बताया हिटलर, 3 दिन का दिया अल्टीमेटम..

शेयर करें...

कोरबा// पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत को हटाने के लिए धरने पर बैठेंगे ! मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र में ननकीराम कंवर ने कोरबा कलेक्टर को हिटलर बताते हुए तीन दिन के भीतर अन्यत्र तबादला करने की मांग की है। यही नही उन्होने ऐसा नही किये जाने पर शासन-प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठने की भी सीधी चेतावनी दी है। ननकीराम कंवर के इस पत्र के वायरल होने के बाद जहां राजनीति गरमा गयी है, वहीं ब्यूरोक्रेसी और प्रशासनिक अफसरों के बीच चर्चाओं का दौर जारी है।

Join WhatsApp Group Click Here

छत्तीसगढ़ के सीनियर आदिवासी नेता और पूर्व गृहमंत्री रहे ननकीराम कंवर एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार उन्होने कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत की कार्रवाईयों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। खैर ऐसा पहली बार नही है, ननकीराम कंवर चाहे सत्ता में रहे हो या फिर विपक्ष में उनका जिले के अधिकांश कलेक्टरों से हमेशा ही छत्तीस का आकड़ा रहा। किसी न किसी मुद्दे को लेकर ननकीराम कंवर हमेशा ही प्रशासनिक अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते रहे है। ऐसे में एक बार फिर ननकीराम कंवर ने कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

उन्होने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर जहां कोरबा कलेक्टर को हिटलर प्रशासक बता दिया। वहीं उन्होने कलेक्टर द्वारा संवैधानिक अधिकार का दुरूपयोग करने का भी आरोप लगाया है। चार पन्ने के इस पत्र में ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री से कलेक्टर अजीत वसंत का 3 दिन के भीतर तबादला करने की मांग की है। उन्होने ऐसा नही करने पर शासन-प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठने की चेतावनी दी है। गौरतलब है कि उर्जाधानी के नाम से मशहूर कोरबा जिले में प्रशासनिक अफसरों का कुछ एक राजनेताओं के साथ संबंध कभी भी अच्छा नही रहा है।

फिर चाहे वो भाजपा के पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर हो या फिर कांग्रेस के पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, स्थानीय मुद्दे और अन्य मामलों को लेकर अक्सर इन राजनेताओं की IAS अफसरों के साथ ही प्रशासनिक अफसरों से ठनी ही रही। इसी टकराहट का परिणाम रहा कि जिले में विकास कार्य सालों साल बाधित रहे और राजनेता जनहित के मुद्दे से भटक कर अफसरों को सबक सिखाने में समय बर्बाद करते रहे। खैर अब ये देखने वाली बात होगी कि सूबे के वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर के इस पत्र पर सरकार किस तरह से संज्ञान लेती है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

Scroll to Top