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रायगढ़// अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने के लिए पूंजीपथरा में ट्रीटमेंट प्लांट चल रहा है। रायगढ़, सक्ती और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सभी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों को एग्रीमेंट करके वेस्ट उठवाना है। इसकी डेडलाइन पार हो चुकी है। अब पर्यावरण विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर भी जुर्माना लगाया जा रहा है। अब तक रायगढ़ और जशपुर जिले के सात स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों पर करीब साढ़े तीन लाख की क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई है।
बता दें कि बायो मेडिकल वेस्ट का वैज्ञानिक पद्धति से निराकरण करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने छग सरकार को आदेश दिया था। इससे होने वाला संक्रमण ज्यादा नुकसानदेह होता है। एनजीटी ने सभी जिलों में बायो मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने के लिए प्लांट स्थापित करने डेडलाइन दी थी।
रायगढ़ के पूंजीपथरा में वीएम टेक्नोसॉफ्ट ने वेस्ट डिस्पोजल प्लांट लगाया है जहां अस्पतालों का कचरा निराकृत किया जा रहा है। सभी अस्पतालों को अनिवार्य रूप से इसी एजेंसी से एग्रीमेंट करवाकर मेडिकल वेस्ट उठवाना है। इसके बदले जो राशि तय है उसका भुगतान किया जाना है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अपने ही स्वास्थ्य केंद्रों का एग्रीमेंट नहीं किया है। इस वजह से पर्यावरण विभाग ने यूपीएचसी रामभांठा पर 12 हजार रुपए, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुटकापुरी पर 35 हजार रुपए, पीएचसी केरतई जशपुर पर 36750 रुपए, सीएचसी दुलदुला पर 8250 रुपए, आयुष्मान हॉस्पिटल पुरानी टोली पर 20750 रुपए, कल्याण आश्रम धर्मार्थ चिकित्सालय पर 2400 रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा रायगढ़ के बालाजी मेट्रो हॉस्पिटल पर 2,18,750 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
सरकारी संस्थाओं को लेकर असमंजस
एनजीटी के आदेश पर छग शासन ने ही बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की मंजूरी दी। एक एकड़ जमीन भी आवंटित की। रेट को लेकर पेंच फंसा तो 20 रुपए प्रति बेड को दस रुपए कर दिया गया। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग अपने केंद्रों का एग्रीमेंट नहीं कर रहा है। यही वजह है कि कई अस्पतालों का वेस्ट खुले में फेंका जा रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल का वेस्ट तो कई महीनों तक ट्रांसपोर्ट नगर ट्रेंचिंग ग्राउंड में डाला जाता रहा।
वेतन से कटेगा जुर्माना
स्वास्थ्य विभाग को रायगढ़, सक्ती और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों से एग्रीमेंट करवाना है। मेडिकल वेस्ट का डिस्पोजल इन्सीनरेटर वाले इसी प्लांट में करना है। सीएमएचओ को कई बार इसकी जानकारी दी गई लेकिन उन्होंने अस्पतालों से एग्रीमेंट नहीं करवाया। संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छग ने पूर्व में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मेडिकल वेस्ट खुले में फेंकने पर कोई पेनाल्टी हुई तो अफसरों के वेतन से राशि वसूली की जाएगी।



