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रायपुर// छत्तीसगढ़ में मौसम अचानक करवट ले चुका है। बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव अब चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है, जिसका सीधा असर प्रदेश में देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने 28 अक्टूबर को दक्षिण छत्तीसगढ़ के 5 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है।
नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में रेड अलर्ट है। यहां 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है, जबकि कुछ जगहों पर यह 80 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है। कोंडागांव, कांकेर, धमतरी और गरियाबंद में ऑरेंज अलर्ट, जबकि रायपुर, दुर्ग, बलौदाबाजार, महासमुंद, बालोद, राजनांदगांव और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है।
रायपुर और रायगढ़ में भी बादल छाए, बस्तर में झमाझम
सोमवार और मंगलवार को बस्तर के कई इलाकों में हल्की बारिश हुई, जबकि राजधानी रायपुर सहित रायगढ़ और सारंगढ़ में भी बूंदाबांदी और बादल देखने को मिले। रायपुर के माना में अधिकतम तापमान 33.6°C, जबकि अंबिकापुर में न्यूनतम 17.5°C दर्ज किया गया।
कैसे बना ये सिस्टम?
दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बना एक गहरा अवदाब अब मजबूत होकर चक्रवाती तूफान में बदल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, इसका असर बस्तर और रायपुर संभाग पर सबसे ज्यादा पड़ेगा। अगले 3 से 4 दिनों तक यहां तेज हवाओं और भारी बारिश की संभावना है। आंकड़ों के मुताबिक, 1 से 26 अक्टूबर तक प्रदेश में 89.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 59% ज्यादा है। आमतौर पर मानसून 15 अक्टूबर तक लौट जाता है, लेकिन इस बार अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में भी झमाझम बारिश जारी है।
फसलों पर मंडराया खतरा
तेज हवा और लगातार बारिश से खेतों में खड़ी फसलें प्रभावित हो सकती हैं। मौसम विभाग ने किसानों को चेताया है कि वे कटाई हो चुकी फसलों को सुरक्षित स्थान पर रख लें, ताकि वे भीगकर खराब न हों। खासकर धान और सब्जी फसलों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ने की संभावना है।
मौसम विभाग की अपील
मौसम विभाग ने प्रदेश के लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें, बिजली के पोल, पेड़ या ऊंची जगहों से दूर रहें और स्थानीय प्रशासन के अलर्ट पर नजर बनाए रखें।


