बरमकेला में विश्व आदिवासी दिवस : बारिश के बावजूद उमड़ा जनसैलाब, सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां..

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सारंगढ़-बिलाईगढ़// बरमकेला में रविवार को जिला स्तरीय विश्व आदिवासी दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। लगातार बारिश के बावजूद हजारों की संख्या में लोग कार्यक्रम में शामिल हुए। नगर में भव्य रैली निकालकर इसकी शुरुआत की गई, जिसके बाद रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सम्मान समारोह ने पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तहसीलदार पुष्पेंद्र कुमार राज रहे, जबकि अध्यक्षता पी.एल. सिदार (अध्यक्ष, अभियंता संघ, मंत्रालय, छ.ग.) ने की। मंच पर पुष्पराज सिंह बरिहा (प्रान्तीय उपाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज), रामनाथ सिदार (जिलाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज सारंगढ़), अविनाश सिदार (जिलाध्यक्ष शासकीय सेवक संघ सारंगढ़), सहोद्रा सिदार (जिला पंचायत सदस्य सारंगढ़), बरखा लकड़ा (अंतरराष्ट्रीय आदिवासी प्रखर वक्ता, झारखंड), डॉ. संध्या भोई (प्राचार्य, स्व. राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह शा. महाविद्यालय, सराईपाली), तेजराम सिदार (जिला उपाध्यक्ष, सरपंच संघ सारंगढ़), डॉ. योगेश कुमार बरिहा (एमबीबीएस डॉक्टर), ऋषिकेश भोई (विश्व प्रसिद्ध कलाकार, बरगढ़ उड़ीसा), प्रभूनारायण खलखो (प्राचार्य, सेंट जेवियर स्कूल चांटीपाली), पुनम सिदार (उप रजिस्ट्रार, सरिया), सुशीला संपत बरिहा (जनपद सदस्य, बरमकेला), सुलोचना सिदार (सरपंच, मारोदरहा), उर्मिला सिदार (पार्षद, बरमकेला), शकुन्तला सिदार (पार्षद, सरिया), प्यारी भगत (सेवानिवृत्त शिक्षिका), रमा मंगलू सिदार (पार्षद, बरमकेला), कोलामणी सिदार (पार्षद) और राजेन्द्र सिदार (पार्षद) मौजूद रहे।

जिला पंचायत सदस्य सहोद्रा सिदार ने कहा कि आदिवासी समाज आज राजनीति और नेतृत्व में मजबूती से खड़ा है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का उदाहरण देते हुए समाज के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित किया।

विशिष्ट अतिथि डॉ. संध्या भोई ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि हर समस्या का समाधान शिक्षा में है, इसलिए बच्चों को पढ़ाना सबसे जरूरी है। वहीं सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष पुष्पराज सिंह बरिहा ने कार्यक्रम को समाज को एकजुट करने का प्रतीक बताया और सरकार से निरंतर सहयोग की अपेक्षा जताई। इस मौके पर आदिवासी समाज के प्रतिभावान बच्चों और अधिकारी-कर्मचारियों का सम्मान किया गया। मंच पर बच्चों और युवाओं की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

कार्यक्रम में तमनार से पहुंचे राजेश सिंह मरकाम ने जल, जंगल और जमीन की लड़ाई को रेखांकित करते हुए कहा कि विकास के नाम पर आदिवासियों को विस्थापित किया जा रहा है। उन्होंने संघर्ष और एकजुटता पर जोर देते हुए समाज को सजग रहने की सलाह दी।

9 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व होने के कारण विश्व आदिवासी दिवस का यह आयोजन 24 अगस्त को किया गया, जिसमें पुसौर, रायगढ़, सारंगढ़, डभरा सहित उड़ीसा से भी हजारों लोग शामिल हुए। सर्व आदिवासी समाज बरमकेला, अजजा शासकीय कर्मचारी संगठन बरमकेला और विख बरमकेला के 15 जनजातीय समाजों ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया।

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