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रायपुर// प्रदेश भर के तहसीलदार, नायब तहसीलदारों ने अपनी बेमुद्दत हड़ताल खत्म कर दी है। वे 28 जुलाई से चरणबद्ध हड़ताल पर चल रहे थे। राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा से मिले आश्वासन से हड़ताल खत्म कर दिया। बता दें कि तहसीलदार व नायब तहसीलदारों की हड़ताल का सोमवार को 8वां दिन था। इसका असर सभी तहसील कार्यालय में दिखाई दिया।
यहां राजस्व संबंधित काम नहीं हुए। तहसील कार्यालय में लोग अपने काम के लिए भटक रहे थे। वहीं अधिवक्ता, अर्जीनवीस, दस्तावेज लेखक व स्टांप वेंडरों समेत कर्मचारी भी कार्यालय मे खाली बैठे हुए थे। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों व कॉलेज में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को हो रहीं थी। क्योंकि इन लोगों को आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र बनवाना रहता है।
आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रहीं थी। इसके अलावा भूमि सीमांकन, अतिक्रमण व त्रुटि सुधार जैसे काम के लिए किसान भटक रहे थे, इसी प्रकार भूमि रजिस्ट्रीकरण के बाद तहसीलदार के हड़ताल के चलते प्रमाणीकरण का काम अटका पड़ा हुआ था।
इन मांगो को लेकर थे हड़ताल पर
- छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की प्रमुख मांग में सभी तहसीलों में स्वीकृत सेटअप की पदस्थपना हो।
- तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नति प्रक्रिया मे 50ः50 अनुपाल बहान करना।
- लंबित ग्रेड पे में शीघ्र सुधार।
- तहसीलों में शासकीय वाहनों व चालकों की व्यवस्था हो।
- न्यायिक मामलों में न्यायिक प्रोटेक्शन।
- तहसीलदारों के व्यक्तिगत मोबाइल नंबर की गोपनियता सुनिश्चित करना और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना।
- तहसीलों में कम्प्यूटर ऑपरेटर, वाहन चालक, आदेशिका वाहक, माल जमादार, भृत्य जैसे पदों की नियुक्ति की जाए।
- लेक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत समय-सीमा की बाध्यता से संबंधित तहसीलों को मुक्त किया जाए।
- सड़क दुर्घटनाओं में तत्काल आर्थिक सहायता के लिए तहसीलदारों को 25 हजार की राशि उपलब्ध कराने की स्पष्ट गाइडलानइ जारी करने की मांग।