महिला पुलिसकर्मियों पर CSNR ने किया सर्वे : छत्तीसगढ़ में महिला पुलिसकर्मियों को साफ टॉयलेट तक नसीब नहीं, यौन उत्पीड़न की शिकायत करना भी नहीं जानती..

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रायपुर/ छत्तीसगढ़ के थाने और पुलिस चौकियों में महिला पुलिसकर्मियों के लिए साफ टॉयलेट तक नहीं है। इतना ही नहीं कई महिला पुलिसकर्मी यौन उत्पीड़न होने पर शिकायत करना भी नहीं जानती। ये खुलासा हुआ है ओडिशा की संस्था CSNR की रिपोर्ट में, जिसमें प्रदेश की महिला पुलिसकर्मियों पर एक सर्वे किया गया और सर्वे के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें कई हैरान करने वाली जानकारियां सामने आई है।

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इस रिसर्च में संस्था ने प्रदेश की कई महिला पुलिसकर्मियों बात की और इसी दौरान उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ही रिपोर्ट तैयार की गई है। ज्यादातर महिला पुलिसकर्मियों ने कार्यस्थल में साफ टॉयलेट नहीं होने की शिकायत की। इसके अलावा कई महिला पुलिसकर्मियों ने यौन उत्पीड़न की जानकारी दी है, लेकिन उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष किस तरह वे अपनी बात रख सकते हैं. इसके अलावा पुरुष पुलिसकर्मियों की उलाहना का भी शिकार होती हैं।

ओडिशा की संस्था सीएसएनआर ने बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में महिला पुलिसकर्मियों की चुनौतियों पर एक स्टडी की है। यूनाइटेड नेशंस इकॉनामिक एंड सोशल कौंसिल (ECOSOC) के सलाहकार के रूप में काम करने वाली इस संस्था की स्टडी रिपोर्ट शनिवार को पीटीएस माना में जारी की गई। इस दौरान आयोजित सेमिनार में मानवाधिकार आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व जेल डीजी गिरधारी नायक, महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक, पीटीएस माना के एसपी डॉ. इरफान उल रहीम खान और सीएसएनआर के सेक्रेटरी धीरेंद्र पंडा मौजूद थे।

छत्तीसगढ़ की महिला पुलिसकर्मियों से बातचीत के आधार पर तैयार स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक 67.05 प्रतिशत ने कहा कि थाने-चौकियों या ट्रैफिक पोस्ट के पास साफ-सुथरा टॉयलेट उपलब्ध नहीं है। 6.47 प्रतिशत पुलिसकर्मियों ने रेस्ट रूम की कमी के बारे में बताया. 78.82 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मियों ने बताया कि उन्हें ड्यूटी के दौरान यातायात की सुविधा के लिए परेशानी होती है। 48.23 प्रतिशत ने पुलिस क्वार्टर नहीं मिलने की समस्या बताई।

स्टडी में शामिल रिसर्च स्कॉलर पल्लीश्री दास ने बताया कि 26.22 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मियों ने पुरुष सहकर्मियों द्वारा पितृसत्तात्मक रवैए यानी उलाहना के बारे में बताया। उनके मुताबिक काम के दौरान उन्हें कम आंका जाता है. 56.098 प्रतिशत ने माना की पुलिस विभाग की नौकरी अच्छी है, लेकिन 22.87 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी ऐसा नहीं मानती।

10.59 महिला पुलिसकर्मियों ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। इनमें से 73 प्रतिशत यह नहीं जानती कि शिकायत किस तरह करें। इनमें भी अधिकांश को आंतरिक शिकायत समिति के बारे में जानकारी नहीं है. 40 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मियों ने सेनिटरी डिस्पेंसर जरूरत बताई है।

महिला पुलिसकर्मियों ने इन जरूरतों को रिसर्च टीम से साझा किया

  • महिला पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ दिया जाए।
  • थाने और पुलिस चौकियों में साफ शौचालय की व्यवस्था हो।
  • ड्यूटी के दौरान परिवहन सुविधा महिला पुलिसकर्मियों के लिए मुहैया कराई जाए।
  • बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच की व्यवस्था की जाए।
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