एसडीएम के आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियां, निलंबन के बाद भी राशन दुकान का प्रभार सौंपने अधिकारी नाकाम, मारोदरहा पंचायत का मामला..

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सारंगढ़ बिलाईगढ़// बरमकेला जनपद के ग्राम पंचायत मारोदरहा की उचित मूल्य दुकान में गड़बड़ी और राशन घोटाले के बाद प्रशासन ने कार्रवाई तो की, लेकिन जमीनी स्तर पर लापरवाही अब भी चरम पर है। एसडीएम सारंगढ़ के स्पष्ट और सख्त निर्देश के बावजूद नई समिति को आज तक प्रभार नहीं सौंपा जा सका।

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जानकारी के अनुसार, जिला खाद्य अधिकारी और खाद्य निरीक्षक बरमकेला खुद आज मौके पर पहुंचे, ताकि निलंबित शारदा महिला स्व-सहायता समूह से नई समिति गोबरसिंघा के जय माँ चंद्रहासिनी महिला स्व-सहायता समूह सुखापाली व मारोदरहा का प्रभार गिरहुलपाली को दिलाया जा सके। लेकिन पुराने संचालक की हठधर्मिता और स्थानीय स्तर की लापरवाही के चलते अधिकारियों के सामने ही प्रभार हस्तांतरण नहीं हो पाया।

यह वही मामला है, जिसमें मृत व्यक्तियों के नाम पर राशन गबन, हितग्राहियों से राशन रोके जाने और मनमानी वितरण के आरोप साबित हो चुके हैं। जांच के बाद SDM सारंगढ़ ने शारदा महिला स्व-सहायता समूह को निलंबित किया था, लेकिन अब वही समूह प्रशासनिक आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए दुकान का प्रभार रोककर बैठा है।

ग्रामीणों का कहना है कि एसडीएम तक के आदेश का पालन न होना प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। अगर अफसर मौके पर जाकर भी प्रभार नहीं दिला पा रहे, तो आम आदमी न्याय की उम्मीद किससे करे?।

लोगों ने आरोप लगाया कि राशन वितरण ठप होने से सैकड़ों गरीब परिवारों के घर चूल्हे ठंडे पड़ गए हैं। महिलाएं और बुजुर्ग कई दिनों से दुकान का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन न राशन मिल रहा है, न जवाब। अब सवाल सीधा है जब एसडीएम के सख्त आदेश पर भी अमल नहीं हो पा रहा, तो आखिर जिम्मेदारी किसकी है? क्या प्रशासन वाकई गरीबों के हक की रक्षा करेगा या भ्रष्टाचारियों के आगे झुकेगा?

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर अगले 24 घंटे में प्रभार हस्तांतरण नहीं हुआ, तो वे जनपद कार्यालय का घेराव करेंगे। यह मामला अब सिर्फ राशन वितरण का नहीं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और सिस्टम की नाकामी का प्रतीक बन चुका है।

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