CM साय ने रजिस्ट्री से जुड़ी नई सुविधाओं का किया शुभारंभ, ऑनलाइन प्रॉपर्टी रिकॉर्ड, घर बैठे पंजीयन, और ऑटोमेटिक नामांतरण समेत 10 नई सुविधाएं हुईं लागू..

शेयर करें...

रायपुर// छत्तीसगढ़ में आज से संपत्ति रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो गई है. राज्य सरकार ने नागरिकों की सुविधा, पारदर्शिता और दस्तावेजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्री प्रणाली को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए 10 नई सुविधाएं शुरू की हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इन सेवाओं का आज शुभारंभ किया, जिसके बाद प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड ऑनलाइन होना, घर बैठे पंजीयन, कैशलेस पेमेंट और ऑटोमेटिक नामांतरण समेत सभी सुविधाएं लागू हो चुकी हैं।

Join WhatsApp Group Click Here

अब आम लोग घर बैठे संपत्ति की रजिस्ट्री करवा सकेंगे और रजिस्ट्री से जुड़े सभी दस्तावेजों तक ऑनलाइन पहुंच बना सकेंगे. इसके साथ ही रजिस्ट्री प्रक्रिया को कैशलेस, पेपरलेस और ज्यादा सुरक्षित बना दिया गया है.

जानिए रजिस्ट्री में क्या-क्या बदलाव हुए हैं:

  • आधार से प्रमाणित पहचान: अब संपत्ति रजिस्ट्री के लिए गवाहों की आवश्यकता नहीं होगी. बायोमेट्रिक आधारित पहचान प्रणाली के जरिए पक्षकारों की पहचान सीधे आधार डाटा से की जाएगी, जिससे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी.
  • ऑनलाइन सर्च और डाउनलोड: खरीदार अब किसी संपत्ति की रजिस्ट्री का इतिहास ऑनलाइन सर्च कर सकते हैं और शुल्क जमा कर उसकी कॉपी डाउनलोड भी कर सकेंगे.
  • भारमुक्त प्रमाणपत्र: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से पता चलेगा कि संपत्ति पर किसी प्रकार का कर्ज या बंधक तो नहीं है. यह प्रमाणपत्र अब ऑनलाइन ही जारी होगा.
  • कैशलेस भुगतान: अब स्टांप ड्यूटी और पंजीयन शुल्क क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग या UPI से एक साथ ऑनलाइन भुगतान किया जा सकेगा.
  • वॉट्सऐप नोटिफिकेशन: सभी रजिस्ट्री प्रक्रियाओं की जानकारी रियल टाइम में पक्षकारों को वॉट्सऐप पर भेजी जाएगी, जिससे स्लॉट बुकिंग और दस्तावेज़ों की स्थिति की जानकारी तुरंत मिलेगी.
  • डिजी-लॉकर सुविधा: रजिस्ट्री दस्तावेज़ अब डिजी-लॉकर में भी सेव होंगे. इससे किसी भी समय डिजिटल कॉपी प्राप्त की जा सकेगी.
  • ऑटो डीड जनरेशन: रजिस्ट्री के दौरान दस्तावेज़ खुद-ब-खुद तैयार होंगे और उन्हें पेपरलेस तरीके से सबमिट किया जा सकेगा.
  • डिजी-डॉक्यूमेंट सुविधा: अब आम लोग शपथ पत्र, अनुबंध जैसे गैर-पंजीकृत लेकिन जरूरी दस्तावेज़ भी डिजिटल स्टांप के साथ ऑनलाइन तैयार कर सकेंगे.
  • घर बैठे रजिस्ट्री: अब ऑनलाइन विलेख निर्माण, इंटरव्यू और पंजीयन की सुविधा घर से ही प्राप्त की जा सकती है. कुछ मामलों में मात्र ₹500 शुल्क में यह सेवा मिलेगी.
  • ऑटोमैटिक नामांतरण: रजिस्ट्री के तुरंत बाद संपत्ति का नामांतरण अब स्वतः ही राजस्व रिकॉर्ड में हो जाएगा. पहले जहां इसमें महीनों लगते थे, अब यह काम कुछ ही दिनों में पूरा होगा.

देश के इन राज्यों में पहले से लागू है सुविधा :
इस तरह की प्रणाली आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और हरियाणा जैसे राज्यों में पहले से लागू है. अब छत्तीसगढ़ भी इस सूची में शामिल हो गया है. इन बदलावों से रजिस्ट्री प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, सरल और भ्रष्टाचार मुक्त बनने की उम्मीद है. साथ ही बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और आम जनता को समय, पैसा और मेहनत तीनों की बचत होगी.

Scroll to Top