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सरगांव। नेत्रदान ही सबसे बड़ा दान होता है। मरने के बाद मनुष्य के शरीर के अंगों का कोई मूल्य नहीं रह जाता है। इसलिए मरने से पहले ही आप के शरीर के अंगों को दान कर देना चाहिए। यदि मरने के बाद भी हमारे अंगों से कोई खूबसूरत दुनिया देखे, तो इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है। यह बात श्रम कल्याण मंडल सदस्य एवम मुंगेली जिला पंचायत सभापति अंबालिका साहू ने आज जिला अस्पताल में नेत्रदान करने की शपथ लेते हुए कही। अंबालिका साहू आज सुबह छत्तीसगढ़ आयु विज्ञान नेत्र संस्थान बिलासपुर पहुंची। यहां पर उन्होने वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक के समक्ष अपने नेत्रदान करने का संकल्प लिया। अंबालिका का कहना है कि, मृत्यु के बाद जीवित रहने के लिए नेत्रदान जरूर करें। मुझे आज बहुत ही खुशी हो रही है कि मैं अपनी मृत्यु के बाद भी जीवित रह पाऊंगी। मेरी आंखों के माध्यम से किन्हीं दो लोगों की आंखों से इस सुन्दर दुनियां को देख पाऊंगी। मैं जन समुदाय के लोगों से आग्रह करती हूं कि नेत्रदान जरूर करें। अंबालिका साहू ने इस दुनिया में जाने के बाद नेत्रदान करने अनुकरणीय एवं सराहनीय कार्य की मिसाल पेश की है। एक महिला होकर अंबालिका ने नेत्रदान कर जनजागृति का संदेश दिया है। यह कि अंबालिका साहू ने बेटी बढ़ाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को भी एक मूर्त रूप देते हुए तो दो बेटियों में परिवार नियोजन करवाकर समान पुत्र एवं पुत्री को एक समान समझते हुए बराबरी की दर्जा देने का संदेश दिया कि बेटा और बेटी एक समान है। उनके उपरोक्त निर्णय से समाज में संदेश देने की सराहना की जा रही है।